Vehicle Rule: दूसरे राज्य की गाड़ी बिहार में दौड़ाने वाले हो जाएं सावधान, कभी भी सरकार कर सकती है जब्त !

Vehicle Rule: बिहार में दूसरे राज्यों की गाड़ी दौड़ाने वाले लोगों के लिए बड़ी खबर आ गई है. सरकार कभी भी उन गाड़ियों को उठा ले जा सकती है. बता दें कि, दूसरे राज्य की गाड़ी बिहार में चलाने के लिए नियम बनाए गए हैं. यदि उन नियमों का पालन नहीं किया गया तो कड़ा एक्शन लिया जाएगा.

By Preeti Dayal | May 2, 2025 8:04 AM
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Vehicle Rule: दिल्ली, मुंबई या फिर किसी अन्य राज्य की गाड़ी लेकर अगर आप बिहार में घूम रहे हैं तो आपको सतर्क हो जाना चाहिए. बस थोड़ी सी चूक के कारण कभी भी आपकी गाड़ी जब्त हो सकती है. दरअसल, राजधानी पटना समेत बिहार के अन्य जिलों में बिहार के बाहर वाले राज्यों के नंबर प्लेट वाली गाड़ियां दौड़ती नजर आती है. कुछ लोग कई तरह के डिस्काउंट के लिए पड़ोसी राज्यों में गाड़ी खरीद लेते हैं और बिहार में चलाते हैं. लेकिन, परिवहन विभाग एक्टिव हो गया है और अब नकेल कसने की तैयारी शुरू हो गई है. 

दूसरे राज्य की गाड़ी चलाने के लिए क्या है नियम ?

बिहार में दूसरे राज्य की गाड़ी चलाने के लिए नियम क्या हैं, इसे जानते हैं… नियम के मुताबिक, बिहार के जिस जिले में आप गाड़ी चला रहे हैं, वहां के संबंधित डीटीओ को सात दिनों के भीतर जानकारी देनी होगी और दूसरे राज्य से एनओसी लेकर फिर से बिहार में पंजीकरण करानी होती है. यहां ध्यान यह देना होगा कि, सिर्फ 5 फीसदी गाड़ी मालिक ही अपने वाहन का पंजीकरण करवा रहे हैं. परिवहन विभाग से मिली जानकारी के अनुसार हर साल 20 से 25 हजार गाड़ियां दूसरे राज्यों से बिहार के अलग-अलग जिलों में आती हैं. इसमें एक हजार ही गाड़ियों की सूचना संबंधित जिले के परिवहन कार्यालय में दी जाती है. बाकी गाड़ी बिना सूचना के राज्य की सड़कों पर दौड़ती हैं. जिसके बाद परिवहन विभाग अब एक्टिव हो गया है.

इन सभी वाहनों को किया किया जा रहा चिन्हित

जानकारी के मुताबिक, दूसरे राज्यों की गाड़ी चलाने वाले, जिन्होंने रजिस्ट्रेशन या ट्रांसफर नहीं करवाए हैं, उन्हें चिन्हित किया जा रहा है. बिहार की सीमा में एंट्री वाले टोल प्लाजा पर सीसीटीवी कैमरे और शहर में लगे सीसीटीवी कैमरे से ऐसे गाड़ियों की पहचान की जा रही है. इतना ही नहीं, यह भी चिह्नित किया जा रहा है कि यह गाड़ियां कितने दिनों से जिले की सड़कों पर दौड़ रही है. पूरे तरीके से सभी गाड़ियों को चिन्हित कर डेटा बेस तैयार किया का रहा है. यदि वाहन मालिक डीटीओ को सूचना देने से चूक जाते हैं, तो पहले उन्हें कारण बताओ नोटिस जारी किया जाएगा. यदि एक साल से अधिक समय से बिहार में चल रही होगी, तो उसे जब्त भी किया जाएगा. खबर की माने तो, सभी गाड़ियों और खास कर दूसरे राज्य की गाड़ियों की कड़ी जांच की जाएगी.

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