प्रशासन की अनदेखी से नाराज जूनियर डॉक्टर
प्रदर्शन कर रहे जूनियर डॉक्टरों ने बताया कि, “हम इंटर्न स्टूडेंट्स हैं, हमारी पढ़ाई लंबी चलती है और स्टाइपेंड पर हमारी निर्भरता होती है. लेकिन 4 महीने से हमें कोई भुगतान नहीं मिला. कई बार अस्पताल प्रशासन को नोटिस भेजा गया, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई. आखिरकार हमें मजबूर होकर हड़ताल करनी पड़ी.”
“घर से बार-बार पैसे मांगना अच्छा नहीं लगता”
हड़ताल में शामिल इंटर्न छात्रों ने कहा, “समय पर स्टाइपेंड नहीं मिलने से बहुत परेशानी हो रही है. बार-बार घर से पैसे मांगना अच्छा नहीं लगता. अगर स्टाइपेंड समय पर मिले तो हम अपनी जरूरतें खुद पूरी कर सकते हैं. जब तक समाधान नहीं होगा, प्रदर्शन जारी रहेगा.”
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मरीजों को हो रही परेशानी
जूनियर डॉक्टरों की हड़ताल से ओपीडी पूरी तरह ठप हो गई है. दूर-दराज से आए मरीज इलाज के लिए भटक रहे हैं.वहीं, अस्पताल प्रशासन अब तक इस मुद्दे पर कोई ठोस कदम उठाने में नाकाम रहा है. PMCH प्रशासन की ओर से अब तक कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है, लेकिन सूत्रों के मुताबिक, “स्टाइपेंड जारी करने की प्रक्रिया चल रही है और जल्द ही इसका समाधान किया जाएगा.”