सलोनी के इस विरोध के बाद कार्यक्रम स्थल पर छात्रों में भारी उत्साह और हंगामा देखा गया. उन्होंने सलोनी के समर्थन में नारे लगाए और प्रशासन के खिलाफ रोष जाहिर किया. हालांकि, अध्यक्ष मैथिली मृणालिनी, उपाध्यक्ष धीरज कुमार, कोषाध्यक्ष सौम्या श्रीवास्तव और संयुक्त सचिव रोहन कुमार ने शपथ ले ली.
“मैं छात्रों की आवाज हूं, कुर्सी की भूखी नहीं”
मीडिया से बातचीत के दौरान सलोनी ने कहा, “मैं कुर्सी चमकाने नहीं आई हूं. मुझे छात्रों ने चुना है, न कि किसी वाइस चांसलर ने नॉमिनेट किया है. जब तक हॉस्टल नहीं खुलते, मैं शपथ नहीं लूंगी. यह मेरे भाइयों की लड़ाई है और मैं उनके साथ हूं. “
चुनाव प्रचार में हुआ था सलोनी पर हमला
पटना यूनिवर्सिटी के सभी हॉस्टल बीएन कॉलेज के छात्र हर्ष की हत्या के बाद से बंद हैं. प्रशासन ने सुरक्षा के मद्देनज़र मई 2024 तक हॉस्टल खाली कराने का निर्देश जारी किया था.
सलोनी ने 4274 वोट पाकर 2375 मतों से जीत दर्ज की थी. चुनाव प्रचार के दौरान उन पर हमला भी हुआ था, जिसके बाद उनका साहसिक बयान वायरल हुआ था. अब उनका हॉस्टल खोलने को लेकर यह विरोध एक नए छात्र आंदोलन की आहट देता दिख रहा है.
Also Read: क्या होता है FDR Technology? जिसके जरिए बिहार में होगा 11 किलोमीटर लंबी सड़क का निर्माण