दानापुर रेलवे स्टेशन पर सायरन बजते ही पहुंची NDRF और रेलवे की टीम, 30 घायलों को बचाने का किया मॉक ड्रिल, देखें वीडियो

Mock Drill: पूर्व मध्य रेलवे के दानापुर रेलवे यार्ड में दानापुर मंडल एवं 9वीं बटालियन एनडीआरएफ बिहटा एवं एसडीआरएफ द्वारा संयुक्त रूप से रेल दुर्घटना पर मॉक ड्रिल किया गया. इस दौरान 30 घायलों को ट्रेन से बाहर निकाला गया.

By Anand Shekhar | January 29, 2025 7:10 PM
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Mock Drill: पटना के दानापुर रेलवे यार्ड में रेल दुर्घटना बचाव अभियान के तहत बुधवार को एनडीआरएफ और रेलवे की संयुक्त टीम ने मॉक ड्रिल की. ​​सायरन बजते ही रेलवे और एनडीआरएफ की टीम चंद मिनटों में दुर्घटनास्थल पर पहुंच गई और बचाव अभियान शुरू कर दिया. इस मॉक ड्रिल में एक काल्पनिक रेल दुर्घटना की स्थिति बनाई गई. इस दौरान कुल 30 यात्रियों को ‘बचाया’ गया, जिनमें से 5 को ‘मृत’ दिखाया गया और 20 गंभीर रूप से घायल थे. यह मॉक ड्रिल 11:15 बजे से 14:00 बजे तक चला.

कैसे हुआ मॉक ड्रिल?

मॉक ड्रिल के दौरान एक काल्पनिक रेल दुर्घटना का दृश्य बनाया गया. सुबह 11: 12 बजे सायरन बजते ही रेलवे द्वारा दुर्घटना के बाद का काम दानापुर स्टेशन पर शुरू कर दिया गया. रेलवे कंट्रोल रूम द्वारा तुरंत एनडीआरएफ को सूचित करते हुए 9 वीं बटालियन की मांग की गई. सूचना मिलते ही एनडीआरएफ की टीम मौके के लिए रवाना हो गई और रेलवे के साथ मिलकर बचाव और राहत कार्य शुरू कर दिया.

घायलों को पहुंचाया गया अस्पताल

मॉक ड्रिल में कुल 30 घायल यात्रियों को पटरी से उतरे कोच से निकालकर अस्थायी मेडिकल रूम में लाया गया, जहां मेडिकल टीम ने 5 यात्रियों को मृत घोषित कर दिया, जबकि 20 गंभीर रूप से घायल और 5 मामूली रूप से घायल हैं. रेलवे और एनडीआरएफ की टीम ने सभी घायलों को क्षतिग्रस्त ट्रेन कोच से निकालकर इलाज के लिए अस्पताल भेजा. घायलों और मृतकों को निकालने के लिए आधुनिक उपकरणों का इस्तेमाल किया गया.

कई टीमों ने लिया हिस्सा

इस मॉक ड्रिल में आरपीएफ और स्काउट एंड गाइड की टीमें भी शामिल हुईं. मॉक ड्रिल के दौरान दानापुर रेल मंडल के कई वरिष्ठ अधिकारी, एनडीआरएफ के अधिकारी और कर्मचारी मौजूद थे. मॉक ड्रिल का संचालन वरिष्ठ मंडल सुरक्षा अधिकारी ने किया.

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क्यों किया गया मॉक ड्रिल?

इस मॉक ड्रिल का मुख्य उद्देश्य यह सुनिश्चित करना था कि अगर कभी रेल दुर्घटना होती है तो राहत और बचाव कार्य में लगी विभिन्न एजेंसियां ​​आपस में कितना बेहतर समन्वय स्थापित कर पाती हैं और दुर्घटना पीड़ितों को कितनी जल्दी राहत पहुंचाई जा सकती है.

अब तस्वीरों में देखें मॉक ड्रिल

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