20 से 22 फीट तक गिरा जलस्तर, पेयजल संकट गहराया
मधुबनी, दरभंगा और समस्तीपुर में स्थिति चिंताजनक हो गयी है. इस जिले के कई प्रखंडों में इस साल अब तक धान की खेती नहीं हुई है. किसान खेतों में पटवन कर रोपनी करते हैं, लेकिन अगले दिन ही दरार दिखने लगती है. मुजफ्फरपुर, सीतामढ़ी व समस्तीपुर के ग्रामीण इलाकों में दर्जनों चापाकल सूख गये हैं. जलस्तर 20 से 22 फीट तक नीचे चला गया है. इसके कारण लोगों को पीने के पानी के लिए भारी मशक्कत करनी पड़ रही है. उजियारपुर, सरायरंजन, ताजपुर और विद्यापतिनगर प्रखंड में पानी का लेयर कम हो जाने के कारण चापाकल फेल हो रहा है. में लोगों को सुखाड़ की स्थिति का सामना करना पड़ रहा है. पेयजल संकट से लोग त्राहिमाम कर रहे हैं. गांवों में चापाकल सूख गये हैं.
चंपारण में 30 फुट तक नीचे जा सकता है जलस्तर
चंपारण के इलाकों में बीते एक पखवाड़े से अच्छी बारिश नहीं हुई है. इससे धान की रोपनी नहीं हुई है. किसानों में मायूसी छायी हुई है. पूर्वी चंपारण के ढाका, पताही, चिरैया, छौड़ादानो व बनकटवा प्रखंड में सबसे हैंडपंप सूखने की समस्या ज्यादा है. पीएचईडी विभाग के अनुसार इस क्षेत्र में 20 से 22 फुट तक जलस्तर नीचे चला गया है. इससे हैंडपंप सूखने लगे हैं. अगले दो-तीन दिनों तक बारिश नहीं हुई तो जलस्तर 30 फुट तक नीचे जा सकता है. मोतिहारी पीएचईडी क्षेत्र में हैंडपंप सूख रहे हैं. लोगों ने बताया कि कम गहराई वाले हैंड पंप के सूखने की समस्या अधिक है. जून माह में औसत वर्षापात 181.10 मिलीमीटर की अपेक्षा सिर्फ 36 प्रतिशत बारिश हुई है. जुलाई में भी अब तक बारिश नहीं हुई है.
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