संवाददाता, पटना: राष्ट्रीय चिंतक केएन गोविंदाचार्य ने कहा कि पांच हजार वर्षों में जितना प्राकृतिक संसाधनों का दोहन नहीं हुआ, उतना बीते 500 वर्षों में हुआ था. जितना बीते पांच सौ वर्षों में प्राकृतिक संसाधनों का दोहन नहीं हुआ, उतना आगामी 50 वर्षों में प्राकृतिक संसाधनों का दोहन होगा. वह बुधवार को बापू सभागार में प्रकृति संवाद बिहार कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे. उन्होंने कहा कि यह सजग हो जाने का समय है. अगर अभी सजग नहीं हुए, तो इसका परिणाम आने वाले समय में अच्छा नहीं होगा. हमारी आने वाली पीढ़ियों को इसका सबसे अधिक नुकसान होगा. उन्होंने कहा कि प्रकृति और व्यक्ति में गहरा संबंध है. प्रकृति से हमारा जन्म हुआ है. प्राकृतिक संसाधनों का समुचित तरीके से उपयोग करना होगा. उन्होंने कहा कि आने वाली पीढ़ियों को यह बताना होगा कि प्राकृतिक संसाधन उनके लिए कितना महत्वपूर्ण है. विकास की दिशा तय करनी होगी. विकास की दिशा में प्राकृतिक संसाधनों से छेड़छाड़ करने से परहेज करना होगा. कार्यक्रम में मौजूद बच्चों को संकल्प दिलाया कि वे प्राकृतिक संसाधनों का संरक्षण करेंगे.
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