JNU छात्रसंघ अध्यक्ष बने बिहार के नीतीश कुमार का रोचक है सफर, मोदी प्रशंसक से बने वामपंथी, चाचा हैं BJP विधायक

JNU President: जेएनयू छात्रसंघ अध्यक्ष बने बिहार के नीतीश कुमार का सफर बेहद रोचक है. जब वो बीएचयू में थे तो मोदी के समर्थक थे. जेएनयू जाकर वो वामदल के विचारधारा से प्रेरित हुए और वामपंथ के नेता बन गए.

By ThakurShaktilochan Sandilya | April 29, 2025 6:31 AM
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JNU President: देश के नामी विश्वविद्यालयों में एक जेएनयू में एकबार फिर से बिहार से छात्रसंघ का अध्यक्ष चुना गया है. जवाहर लाल नेहरू विश्विद्यालय के छात्रसंघ चुनाव में इस बार अध्यक्ष, उपाध्यक्ष और महासचिव पद पर आइसा और डीएसएफ के वाम गठबंधन ने जीत हासिल की है. बिहार के अररिया जिले के रहने वाले नीतीश इसबार अध्यक्ष चुने गए हैं. नीतीश की शुरुआती पढ़ाई RSS की विचारधारा से जुड़े स्कूल सरस्वती विद्या मंदिर में हुई. उनके चाचा भाजपा के विधायक हैं.

भाजपा विधायक के भतीजे हैं नीतीश

जेएनयू के नये छात्रसंघ अध्यक्ष नीतीश कुमार के चाचा जय प्रकाश यादव नरपतगंज से भाजपा के विधायक हैं.जिले के एक छोटे से गांव कन्हैली से निकलकर जेएनयू छात्रसंघ के अध्यक्ष बने नीतीश कुमार का यह सफर बेहद रोचक है.कन्हैली नीतीश का ननिहाल है. उसका पैतृक घर भरगामा प्रखंड के शेखपुरा गांव मे है. मां अपने माता-पिता की इकलौती संतान थी, इसलिए उनके पिता अपने ससुराल में ही बस गये. पिता प्रदीप कुमार यादव पेशे से किसान हैं और एक वित्त रहित कॉलेज मे पढ़ाते हैं.

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RSS विचारधारा से जुड़े स्कूल में पढ़ाई

पिता अपने इस मेधावी पुत्र को आइएएस बनाना चाहते थे. इसके लिए उन्होंने शुरुआत से ही अपने बेटे की पढ़ाई पर ध्यान दिया. वे कहते हैं कि पहले नीतीश का नाम हमने फारबिसगंज शहर के एक कॉन्वेंट स्कूल मे लिखवाया. वहां एक-दो साल पढ़ने के बाद नीतीश ने कहा कि यहां की पढ़ाई अच्छी नहीं है. ऐसे में हमने उसका एडमिशन आरएसएस के सरस्वती विद्या मंदिर में करवा दिया. वहां उसने 10वीं तक पढ़ाई की और मैट्रिक परीक्षा पास की.

मोदी प्रशंसक से वामपंथ की तरफ बढ़े

नीतीश ने इंटरमीडिएट की पढ़ाई पूर्णिया कॉलेज से पूरी की और सनातक की पढ़ाई के लिए वे बीएचयू चले गये. प्रदीप बताते हैं कि जब तक नीतीश बीएचयू में था, वह पीएम नरेंद्र मोदी का समर्थक हुआ करता था. उस वक्त तक उसका लक्ष्य आइएएस बनना ही था. मगर, वह जेएनयू में गया तो उसका लक्ष्य बदल गया और उसकी सोच भी. अब हम उसे आइएएस बनने कहते हैं तो कहता है, मुझे नौकरी नहीं करनी. मेरे चचेरे भाई जयप्रकाश यादव नरपतगंज से विधायक हैं.

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