पूरे 9 महीने कोलकाता में रहीं राजश्री
अब तेजस्वी यादव ने खुद इस सवाल पर चुप्पी तोड़ी है. एएनआई को दिए एक इंटरव्यू में उन्होंने स्पष्ट किया कि कोलकाता का चुनाव अस्पताल की वजह से नहीं, बल्कि पारिवारिक सुविधा और देखरेख के कारण किया गया था. उन्होंने बताया कि राजश्री प्रेग्नेंसी के दौरान पूरे 9 महीने कोलकाता में ही रहीं, क्योंकि वहां उनके साले रहते हैं, जो उनकी देखभाल कर सकते थे.
24 घंटे देखरेख की थी ज़रूरत, घर में सभी रहते हैं व्यस्त
तेजस्वी ने यह भी कहा कि वह खुद बेहद व्यस्त रहते हैं और उनके माता-पिता-राबड़ी देवी और लालू यादव भी अपने कामों में लगे रहते हैं. ऐसे में 24 घंटे देखरेख की ज़रूरत थी, जो कोलकाता में रहकर संभव हो पाया. साथ ही उन्होंने कहा कि पटना में राजश्री के लिए घूमना-टहलना आसान नहीं था, जबकि कोलकाता में वह इस दौरान खुलकर जीवन जी सकीं.
सोशल मीडिया पर दी थी जानकारी
तेजस्वी यादव ने बेटे के जन्म की जानकारी सोशल मीडिया पर दी थी, जिसे लेकर उन्हें देशभर से बधाइयां मिलीं. वहीं लालू प्रसाद यादव ने अपने पोते का नाम ‘इराज’ रखा, जिसका अर्थ है भगवान हनुमान. उन्होंने कहा कि चूंकि उनका पोता मंगलवार को जन्मा, जो हनुमान जी का दिन होता है, इसलिए संस्कृत से प्रेरित यह नाम रखा गया.
तेजस्वी यादव के इस पारिवारिक फैसले पर उठे सवालों का यह जवाब उनके स्पष्ट और व्यावहारिक सोच को दर्शाता है, जिसमें परिवार की देखभाल और सहजता को प्राथमिकता दी गई.
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