संवाददाता, पटना पैसे लेकर यूरोप का टूर नहीं करवाने और पूरे पैसे भी नहीं लौटने पर ट्रैवल एजेंसी को उपभोक्ता आयोग ने पीड़ित व्यक्ति को 2.5 लाख मुआवजे देने का आदेश दिया है. ट्रैवल एजेंसी ने फ्रांस का वीजा नहीं मिलने का हवाला देकर टूर नहीं कराया. लेकिन, ट्रैवल एजेंसी ने पहले जमा किये गये 1.81 लाख रुपये में से टूर कैंसिलेशन चार्ज के नाम पर 51 हजार रुपये काट लिये थे. 12 वर्ष बाद आया निर्णय : शेखपुरा के शशि किशोर शर्मा ने उपभोक्ता आयोग में 2013 में शिकायत दर्ज की, जिस पर सुनवाई के बाद आयोग के अध्यक्ष प्रेम रंजन मिश्रा व सदस्य रजनीश कुमार ने ट्रैवल एजेंसी को 51,010 की राशि 12 फीसदी वार्षिक ब्याज सहित लौटाने का आदेश दिया है. साथ ही दो लाख मानसिक पीड़ा और शारीरिक उत्पीड़न के लिए और 50,000 मुकदमेबाजी खर्च के रूप में देने का आदेश भी दिया है. आदेश का पालन 120 दिनों में नहीं होने पर 10,000 रुपये अतिरिक्त देने होंगे. शशि किशोर शर्मा ने जून, 2012 में एक विदेशी यात्रा पर जाने की योजना बनायी थी. ट्रैवल एजेंसी ने 15 दिन और 14 रात के यूरोप टूर का विज्ञापन जारी किया था. शिकायतकर्ता ने 11 जून, 2012 को कोलकाता से लंदन जाने वाले टूर में शामिल होने के लिए आवश्यक दस्तावेज़ और कुल 1,81,654 रुपये ट्रैवल एजेंसी को तीन चेक के माध्यम से और 10,000 रुपये कैश दिया था. ट्रैवल एजेंसी ने वीजा की व्यवस्था की जिम्मेदारी लेने का आश्वासन दिया था. आठ जून, 2012 को एजेंसी ने सूचित किया कि फ्रांस के लिए वीजा नहीं मिल सका है, इसलिए वह यात्रा पर नहीं जा सकते हैं. जब शिकायतकर्ता ने राशि वापसी की मांग की, तो प्रतिवादी ने केवल 1,30,644 रुपये वापस किये और 51,010 काट लिये. उसे टूर कैंसिलेशन शुल्क बताया. लेकिन, आयोग ने यह पाया कि यह कैंसिलेशन उपभोक्ता द्वारा नहीं, बल्कि एजेंसी की विफलता के कारण हुआ, अतः राशि की कटौती अनुचित थी और उसे सूद समेत लौटाने का आदेश दिया.
संबंधित खबर
और खबरें