Woman of The Week: लोकनृत्य मेरे जीवन का हिस्सा है, इसके बिना मैं अधूरी हूं… पढ़ें सोमा चक्रवर्ती से खास बातचीत के प्रमुख अंश

Woman of The Week: राजधानी पटना की चर्चित लोक नृत्यांगना, उद्घोषिका और रंगकर्मी सोमा चक्रवर्ती आज बिहार की सांस्कृतिक पहचान बन चुकी हैं. लोक नृत्य और रंगमंच में उनके योगदान ने न केवल राज्य, बल्कि देश और विदेश में भी उन्हें खास पहचान दिलायी है.

By Radheshyam Kushwaha | July 27, 2025 4:25 AM
an image

Woman of The Week: 26 जनवरी और 15 अगस्त को गांधी मैदान में होने वाले राजकीय समारोहों में एंकरिंग व उद्घोषणाओं की जो आवाज सुनने को मिलती है, वह सोमा चक्रवर्ती की ही होती है. कला के क्षेत्र में उनका सफर बचपन में मोहल्ले के मंच से शुरू होकर मॉरीशस, क्यूबा, स्पेन, फ्रांस जैसे देशों तक पहुंचा है. रंगमंच पर भी उनके अभिनय को सराहा गया है. उन्हें राज्य सम्मान, अंबपाली नृत्य सम्मान सहित कई पुरस्कारों से नवाजा जा चुका है. भारत सरकार के संस्कृति मंत्रालय से सीनियर फेलोशिप भी उन्हें प्राप्त है. पेश है उनसे हुई बातचीत के खास अंश.

Q. अपने शुरुआती जीवन व शैक्षणिक पृष्ठभूमि के बारे में बताएं.

Ans- मैं मूल रूप से पटना की ही रहने वाली हूं. मेरा जन्म यही हुआ है. स्कूली शिक्षा माउंट कार्मेल स्कूल से और स्नातक पटना वीमेंस कॉलेज से अर्थशास्त्र में किया. फिर बीएड पटना यूनिवर्सिटी से किया, वहीं इग्नू से मास कम्युनिकेशन और प्राचीन कला केंद्र, चंडीगढ़ से कथक में स्नातक की डिग्री प्राप्त की. वर्तमान में भारतीय नृत्य कला मंदिर में लोक नृत्य की शिक्षिका हूं. साथ ही उद्घोषणा और रंगमंच से भी सक्रिय रूप से जुड़ी हूं.

Q. स्कूल के दिनों में आप मॉरीशस ओसिएन फेस्टिवल में भी प्रस्तुति दे चुकी हैं, यह कैसे अनुभव था?

Ans- मैं बचपन से ही हर सांस्कृतिक गतिविधियों में भाग लेती थी. स्कूल में होने वाले सभी कल्चरल एक्टिविटी में भाग लेने के साथ-साथ मैं मुहल्ले के भी कार्यक्रम में प्रस्तुति देती थी. मेरे गुरु गौतम घोष के मार्गदर्शन में मैंने लोक नृत्य और कथक सीखा. एक परिचित के कहने पर मैंने डॉ एनएन पांडे से मुलाकात की, जो ओसिएन फेस्टिवल के लिए टीम बना रहे थे. उन्होंने मुझे 1987 में चुना जब मैं दसवीं में थी. मॉरीशस में ‘बिहार की लोकसंस्कृति’ पर आधारित नृत्य-नाटिका प्रस्तुत की, जो मेरे करियर का टर्निंग पॉइंट बना. 1997 में क्यूबा के हवाना में मैं लोक नृत्य की प्रस्तुति दे चुकी हूं. इसके बाद मैंने क्यूबा, स्पेन, फ्रांस, वेस्टइंडीज आदि देशों में भी लोकनृत्य प्रस्तुत कर चुकी हूं.

Q. लोक नृत्य के साथ आपका रंगमंच से कैसे जुड़ाव हुआ.

Ans- लोकनृत्य के साथ-साथ मैं ‘प्रांगण’ नामक सांस्कृतिक संस्था से जुड़ी. वहीं से रंगमंच की दुनिया में प्रवेश मिला. ‘तोता मैना’, ‘शकुंतला’, ‘चारुलता’, ‘बटोही’, ‘फुल नौटंकी विलास’, ‘दुलारी बाई’ जैसे कई नाटकों में अभिनय किया. कला, संस्कृति एवं युवा विभाग की मान्यता प्राप्त कलाकार बनी और अभिनय मेरी अभिव्यक्ति का अहम माध्यम बन गया.

Also Read: Bihar News: गोरखपुर से गिरफ्तार मोस्ट वांटेड अजय नट पुलिस मुठभेड़ में घायल, हथियार लेते ही पुलिस पर किया फायर

संबंधित खबर
संबंधित खबर और खबरें

यहां पटना न्यूज़ (Patna News) , पटना हिंदी समाचार (Patna News in Hindi), ताज़ा पटना समाचार (Latest Patna Samachar), पटना पॉलिटिक्स न्यूज़ (Patna Politics News), पटना एजुकेशन न्यूज़ (Patna Education News), पटना मौसम न्यूज़ (Patna Weather News) और पटना क्षेत्र की हर छोटी और बड़ी खबर पढ़े सिर्फ प्रभात खबर पर.

होम E-Paper News Snaps News reels
Exit mobile version