लोकसभा चुनाव से ठीक पहले राजद सुप्रीमो लालू यादव की मुश्किलें बढ़ती नजर आ रही हैं. मध्य प्रदेश के ग्वालियर में एमपी-एमएलए कोर्ट ने सालों पुराने एक मामले में उनके खिलाफ गिरफ्तारी का स्थायी वारंट जारी किया है. यह मामला आर्म्स एक्ट से जुड़ा हुआ है, जिसमें लालू यादव को फरार घोषित किया गया था.
क्या है मामला
जानकारी के मुताबिक, यह मामला साल 1995 – 1997 का है. पुलिस जांच में पता चला था कि फर्जी दस्तावेजों के जरिए कुल तीन फर्मों से हथियार और कारतूस खरीदे गए थे. इस मामले में लालू यादव समेत 23 आरोपियों के नाम शामिल हैं. इनमें से छह के खिलाफ मुकदमा चल रहा है, दो की मौत हो चुकी है, जबकि 14 फरार हैं. पुलिस ने इस मामले में जुलाई 1998 में आरोप पत्र दायर किया था. लालू यादव के खिलाफ मामला एमपी-एमएलए अदालत में स्थानांतरित कर दिया गया था जब अदालत आश्वस्त हो गई कि दस्तावेज़ में उल्लिखित लालू यादव बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री हैं.
#WATCH | Gwalior, Madhya Pradesh: On the arrest warrant against Former Bihar CM & RJD Chief Lalu Prasad Yadav, Gwalior District Court ADPO Abhishek Malhotra says, "District Magistrate of MP-MLA Gwalior has issued a permanent arrest warrant against Former Bihar CM Lalu Prasad… pic.twitter.com/WdZGmqViSt
— ANI (@ANI) April 5, 2024
इस मामले में ग्वालियर जिला न्यायालय के एडीपीओ अभिषेक मल्होत्रा ने बताया कि एमपी-एमएलए ग्वालियर जिला मजिस्ट्रेट ने बिहार के पूर्व सीएम लालू प्रसाद यादव के खिलाफ वर्ष 1995-97 के एक मामले में स्थायी गिरफ्तारी वारंट जारी किया है, जिसमें अवैध फर्जी दस्तावेजों के जरिए हथियार खरीदे गए और हथियारों की आगे सप्लाई की गई. इस मामले में उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश और बिहार के 23 लोग आरोपी हैं. जिसमें बिहार के पूर्व सीएम और पूर्व केंद्रीय मंत्री लालू यादव का भी नाम शामिल है.
लालू यादव के खिलाफ आर्म्स एक्ट में मामला दर्ज होना, जांच का विषय : जदयू
वहीं, इस मामले में जदयू के मुख्य प्रवक्ता सह विधान पार्षद नीरज कुमार ने कहा है कि मध्य प्रदेश में लालू प्रसाद के खिलाफ आर्म्स एक्ट में मामला दर्ज होना गंभीर जांच का विषय है. अभी तक तो उनके खिलाफ बिहार, झारखंड और दिल्ली में ही मामला दर्ज था लेकिन अब मध्यप्रदेश में भी हो गया है.
नीरज कुमार ने सवाल पूछते हुए कहा कि लालू प्रसाद के खिलाफ किन राज्यों में मामला दर्ज हुआ इस बारे में जानकारी देनी चाहिए. उन्होंने राजद की राजनीति पर सवाल उठाते हुए कहा कि जो व्यक्ति पहले से सजायाफ्ता हो और जिनके खिलाफ और भी मामले दर्ज हों और ऐसे लोग दलित, पिछड़ा और अति पिछड़ों की भलाई की बात कैसे कर सकते हैं.
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