Patna: नकाब पहनने के दौरान गले से अंदर गई पिन, डॉक्टर ने ब्रॉकोस्कोपी विधि से बचाई बच्ची की जान
Patna: मधुबनी की एक 10 वर्षीय बच्ची की फेंफड़े में फंसी स्कार्फ पिन निकाल कर फोर्ड हॉस्पिटल के डॉ. विनय कृष्णा ने जान बचा ली. हॉस्पिटल के निदेशक डॉ बीबी भारती ने बताया कि हॉस्पिटल में इससे पहले 1-2 साल के बच्चों द्वारा निगली गई मूंगफली, चना, बैटरी, दवाइयों जैसे गंभीर से गंभीर केस को सफलतापूर्वक सुलझाया जा चुका हैं.
By Prashant Tiwari | June 11, 2025 9:27 PM
Patna: पटना के एक हॉस्पिटल के डॉक्टर ने मधुबनी की एक 10 वर्षीय बच्ची की फेंफड़े में फंसी स्कार्फ पिन निकाल कर जान बचा ली. पद्मा गांव की सकीना (बदला हुआ नाम) स्कार्फ लगा रही थी. इस दरम्यान वो पिन को दांतों से दबाई हुई थी. गलती से उसके दांतों तले दबी पिन अचानक ही गले के अंदर चली गई. दो दिन बाद बार-बार खांसी आने और सांस की तकलीफ होने पर परिजन आनन-फानन में उसे पटना के बाईपास स्थित फोर्ड हॉस्पिटल ले गए, जहां ब्रॉंकोस्कोपी (दूरबीन) विधि से 20 मिनट के अंदर पिन निकाला गया. अब वह बिल्कुल स्वस्थ है और उसे डिस्चार्ज भी कर दिया गया है.
सांस की नली फटती तो हो सकती थी मौत: डॉ. विनय कृष्णा
इलाज करने वाले फोर्ड हॉस्पिटल के इंटरवेंशनल पल्मोनोलॉजिस्ट (छाती रोग विशेषज्ञ) डॉ. विनय कृष्णा ने बताया कि बच्ची के फेंफड़े में दो दिनों से पिन फंसी हुई थी. इसके अंदर अगर पिन चली जाती तो पिन निकालना मुश्किल हो जाता और सर्जरी में खतरा बढ़ जाता है. बच्चों के ऑर्गन काफी नाजुक होते हैं, ऐसे में अगर नुकीले भाग से ट्रैकिया (सांस की नली) फट जाता तो मौत भी हो सकती थी. फिलहाल मरीज ठीक है। ब्रॉंकोस्कोपी विधि से पिन निकाल कर उसे फौरन राहत दी गई.