Pitru Paksha 2022: गोदावरी सरोवर पर पिंडदान का कर्मकांड करते हैं श्रद्धालु, माथा मुंडन का जानें रहस्य

गया में 17 दिवसीय के अलावा एक दिवसीय, तीन दिवसीय, पांच दिवसीय पिंडदान का विधान है. धार्मिक ग्रंथों वह पुराणों के अनुसार माथा मुंडन कराने वाले श्रद्धालुओं को तीर्थ के समान फल की प्राप्ति होती है.

By Prabhat Khabar Digital Desk | September 10, 2022 5:30 AM
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गया. पुनपुन नदी अथवा गोदावरी सरोवर में पिंडदान के साथ भाद्रपद शुक्ल पक्ष चतुर्दशी तिथि यानी शुक्रवार से 17 दिवसीय(त्रिपाक्षिक) पितृपक्ष महासंगम की शुरुआत हो गयी. देश-विदेश से आने वाले जो श्रद्धालु सीधे गयाजी पहुंचे वह सभी शहर के दक्षिणी क्षेत्र स्थित गोदावरी सरोवर पर पिंडदान, श्राद्धकर्म व तर्पण का कर्मकांड अपने कुल पंडा के निर्देशन में पूरा किया. श्री विष्णुपद मंदिर प्रबंधकारिणी समिति के सचिव गजाधर लाल पाठक ने कहा कि पुनपुन नदी में माथा मुंडन कराने के बाद श्रद्धालु त्रिपाक्षिक पिंडदान के लिए गयाजी आते हैं.

तीर्थ के समान फल की प्राप्ति होती है

धार्मिक ग्रंथों वह पुराणों के अनुसार माथा मुंडन कराने वाले श्रद्धालुओं को तीर्थ के समान फल की प्राप्ति होती है. गया में 17 दिवसीय के अलावा एक दिवसीय, तीन दिवसीय, पांच दिवसीय पिंडदान का विधान है. गौरतलब है कि यहां पहले 365 पिंडवेदियां, सरोवर व दर्शनीय स्थल थे. समय के साथ कई पिंडवेदियां व सरोवर विलुप्त हो गये. अब महज 54 पिंडवेदियां व सरोवर बचे हैं, जहां पिंडदान व तर्पण होता है. 17 दिवसीय पिंडदान के लिए आये श्रद्धालु हर दिन अलग-अलग पिंडवेदी व सरोवर में अपने पितरों की मोक्ष कामना को लेकर पिंडदान व तर्पण करते हैं. शुक्रवार को पहले दिन का श्राद्धकार्य संपन्न हो गया. पुनपुन में श्राद्धकार्य करने करे बाद श्रद्धालु काफी संख्या रेल, सड़क मार्ग से शुक्रवार की शाम से ही गयाजी पहुंचने लगे हैं.

रेड क्रॉस की ओर से मुफ्त चिकित्सा शिविर

वहीं, पितृपक्ष के अवसर पर देश-विदेश से गया पधारने वाले तीर्थ यात्रियों की आवश्यकता को देखते हुए रेड क्रॉस की ओर से मुफ्त चिकित्सा शिविर की शुरुआत की गयी. आज रेड क्रॉस के चेयरमैन उपेंद्र नारायण सिंह ने इसका उद्घाटन किया. रेड क्रॉस के सचिव सुबोध प्रकाश, कोषाध्यक्ष दिलीप कुमार दे , संयुक्त सचिव डॉ तनवीर उस्मानी, दिनेश सिंह, डॉ प्रभात कुमार सिन्हा सहित रेड क्रॉस परिवार के अन्य सदस्य इस अवसर पर उपस्थित थे. डॉ उस्मानी ने बताया कि पूरे पितृपक्ष अवधि में यह चिकित्सा शिविर यात्रियों के लिए उपलब्ध रहेगा. यहां दवाओं का निःशुल्क वितरण, चिकित्सकों द्वारा जांच, एम्बुलेंस सेवा भी लोगों को उपलब्ध करायी जायेगी.

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