Pitra Paksha: हंसने मात्र से यहां पितरों को मिलती है मोक्ष, 10 तस्वीरों से जानिए आस्था से जुड़ी कहानियां

Pitra Paksha: पितृपक्ष मेला में लाखों की संख्या में तीर्थ यात्री बिहार के गया पहुंच रहे हैं. इसको लेकर गया जिला प्रशासन और पंडा समाज की ओर से विशेष व्यवस्था की गई है.

By Prabhat Khabar Digital Desk | September 12, 2022 6:30 PM
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Pitra Paksha 2022 पूर्वजों की आत्मा की शांति के लिए गया पिंडदान करने आने वाले पिंडदानी 975 फीट ऊंची प्रेतशिला पहाड़ 676 सीढ़ियों चढ़कर प्रेतशिला पहाड़ जाते हैं.

Pitra Paksha 2022 यहां पर मौत के प्रकार पर पिंड दान करने की व्यवस्था है. ऐसी मान्यता है कि यहां पर पिंडदान करने से मृत आत्माओं को मुक्ति मिलती है. जिनके पितृ अकाल मृत्यु, आत्महत्या, पानी में डूबने, आग में जलने, दुर्घटना में मौत के शिकार हुए हों उन मृत पितरों का यहां पर पिंडदान व तर्पण किया जाता है.

Pitra Paksha 2022 जो लोग अपने पूर्वज की आत्मा की शांति के लिए प्रेतशिला पहाड़ पर चढ़ नहीं पाते हैं उनके लिए डोली की भी व्यवस्था की गई है.

Pitra Paksha 2022 ऐसे लोग डोली के सहारे ही पहाड़ पर चढ़ते हैं. बताते चलें कि ऊंची प्रेतशिला 975 फीट ऊंचा पहाड़ है, इसपर 676 सीढ़ियों को चढ़कर पिंडदानी प्रेतशिला पहाड़ जाते हैं.

Pitra Paksha 2022 कहा जाता है की पिंडदान प्रक्रिया के दौरान जोर से हंसने का ठहाका लगाने से उन्हें मोक्ष की प्राप्ती होती है.

Pitra Paksha 2022 जो लोग यहां पिंडदान के क्रम में अपने पूर्वजों के लिए जोर-जोर से हंसते हैं उनके पूर्वज इस प्रेतयोनी से मुक्त होकर विष्णु लोक में चले जाते है.

Pitra Paksha 2022 प्रेतशिला पहाड़ की चोटी पर एक चट्टान है जिस पर ब्रह्मा विष्णु और महेश की मूर्ति बनी है.

Pitra Paksha 2022 श्रद्धालुओं के द्वारा पहाड़ी की चोटी पर स्थित इस चट्टान की परिक्रमा कर उस पर सत्तू से बना पिंड उड़ाया जाता है. प्रेतशिला पहाड़ की पुरानी परंपरा है वहां के पुजारी बताते हैं कि इस चट्टान के चारों तरफ 5 बार परिक्रमा कर सत्तू चढ़ाने से अकाल मृत्यु में मरे पूर्वज प्रेत योनि से मुक्त हो जाते हैं.

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