कुमार आशीष/मधेपुरा/बिहार: बिहार विधानसभा चुनाव का समय जैसे-जैसे करीब आता जा रहा है, मधेपुरा विधानसभा सीट को लेकर राजनीतिक हलचल तेज होती जा रही है. चौक-चौराहों पर विभिन्न दलों के संभावित प्रत्याशियों के नामों की चर्चा आम हो गयी है. वर्तमान में इस सीट से राजद विधायक व पूर्व शिक्षा मंत्री प्रो चंद्रशेखर प्रतिनिधित्व कर रहे हैं. वह इस बार भी पार्टी के प्रमुख चेहरा माने जा रहे हैं, लेकिन उनके खिलाफ कई दलों से मजबूत दावेदार सामने आ सकते हैं, जिससे मुकाबला रोचक होने के आसार हैं.
राजद से प्रो चंद्रशेखर की मजबूत दावेदारी
राजद की ओर से मौजूदा विधायक प्रो चंद्रशेखर का नाम सबसे प्रबल दावेदार के रूप में सामने है. वे लगातार 2010, 2015 व 2020 में इस सीट से राजद की ओर से जीत दर्ज कर चुके हैं और पिछले दो बार की सरकार में आपदा प्रबंधन और शिक्षा मंत्री भी बनाये जा चुके हैं. उनके समर्थकों का कहना है कि उन्होंने शिक्षा और विकास के क्षेत्र में कई योजनाएं शुरू की हैं, जिससे उनका जनाधार बना हुआ है. 2020 के चुनाव में उन्हें 81116 यानी डाले गये कुल मतों का 39.52 प्रतिशत वोट मिला था. दूसरी तरफ राजद से आदर्श कॉलेज घैलाढ़ के संस्थापक व पार्टी नेता ई प्रणव प्रकाश की भी चर्चा हो रही है. विगत दिनों से प्रणव प्रकाश मतदाताओं के बीच तेजस्वी के पैगाम को लेकर सक्रिय दिख रहे हैं. उनका मानना है कि बेदाग छवि की वजह से राजद में सभी गुट के पसंदीदा बने हुए हैं.
JDU से निखिल मंडल व सत्यजीत यादव के नाम की है चर्चा
जदयू की ओर से इस बार पिछले चुनाव में प्रत्याशी रहे निखिल मंडल के नाम की चर्चा है. निखिल मंडल पिछली बार चुनाव मैदान में थे और इस बार फिर से उनकी दावेदारी पेश करने की पूरी संभावना है. निखिल मंडल पूर्व मुख्यमंत्री बीपी मंडल के पौत्र, पूर्व विधायक मणींद्र कुमार मंडल के पुत्र व बिहार विधानसभा के उपाध्यक्ष नरेंद्र नारायण यादव के दामाद हैं. बीते चुनाव में दूसरे नंबर पर रहे निखिल मंडल को कुल 64767 यानी 31.7 प्रतिशत वोट मिले थे. इनके अलावा जदयू के युवा नेता सत्यजीत यादव का नाम भी चर्चा में है. सत्यजीत यादव मधेपुरा से दो बार सांसद रहे आरपी यादव के पुत्र हैं और संप्रति पार्टी में प्रदेश महासचिव हैं. जदयू नेता सत्यजीत यादव को भी संगठन में सक्रियता और युवा नेतृत्व के कारण संभावित प्रत्याशी माना जा रहा है. जदयू के स्थानीय कार्यकर्ता विधानसभा क्षेत्र में इनकी भी मजबूत पकड़ बताते हैं.
जनसुराज से गजेंद्र कुमार या शशि कुमार
पिछले एक-डेढ़ वर्षों में जनसुराज ने भी कोसी क्षेत्र में अपनी मजबूत उपस्थिति दर्ज करायी है. मधेपुरा सीट से जनसुराज पार्टी की ओर से गजेंद्र कुमार का नाम सामने आ रहा है. वे सामाजिक कार्यों में सक्रिय रहे हैं और युवाओं के बीच लोकप्रिय माने जाते हैं. यदि जनसुराज उन्हें उम्मीदवार बनाता है, तो मुकाबले में एक नयी ऊर्जा दिखायी दे सकती है. दूसरी ओर जनसुराज पार्टी से ही गम्हरिया प्रखंड प्रमुख शशि कुमार का नाम भी संभावित प्रत्याशियों में लिया जा रहा है.
भाजपा से दीपक या स्वदेश कुमार
यदि किसी कारणवश एनडीए में सीटों का हेरफेर या अदला-बदली होती है और मधेपुरा की यह सीट जदयू से लेकर भाजपा को दी जाती है, तो भाजपा की ओर से यहां मैदान में कौन उतरेगा, इसको लेकर स्थिति स्पष्ट नहीं है. हालांकि पार्टी जिलाध्यक्ष दीपक कुमार के समर्थक उन्हें प्रत्याशी बनाये जाने की मांग कर रहे हैं. वहीं, भाजपा में तेजी से उभरे नेता स्वदेश कुमार की चर्चा सबसे अधिक थी, लेकिन हाल ही में उन्हें बिहार पिछड़ा वर्ग आयोग का सदस्य बना दिया गया, जिससे अब वे चुनावी दौड़ में पीछे माने जा रहे हैं.
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कांग्रेस से सार्थक रंजन के नाम की हो रही चर्चा
पिछले विधानसभा चुनाव में जाप के संरक्षक पप्पू यादव ने मधेपुरा सीट से चुनाव लड़ा था, लेकिन गृह जिला होने के बाद भी यहां उनकी जमानत जब्त हो गयी थी. अभी वह पूर्णिया से निर्दलीय सांसद हैं, लेकिन कांग्रेस से उनकी काफी करीबी है. इस बार उनके विधानसभा चुनाव लड़ने की कहीं कोई चर्चा तो नहीं है, लेकिन कांग्रेस के टिकट पर उनके पुत्र सार्थक रंजन को मैदान में उतारने की चर्चा जोरों पर जरूर है. सार्थक की राजनीति में यह पहली पारी होगी. वे युवाओं के बीच अपनी छवि बनाने की कोशिश कर रहे हैं. निश्चित रूप से पप्पू यादव भी सार्थक की जीत के लिए हरसंभव कोशिश करेंगे.