पूर्णिया. राजकीय चिकित्सा महाविद्यालय एवं अस्पताल के एसएनसीयू में एडमिट नवजातों के अभिभावकों को इन दिनों सर्द रातें खुले में झेलनी पड़ रही है. विभिन्न परिवारों के दर्जनों लोग वार्ड की दोनों ओर रात भर ठंड में ठिठुरते हैं. हालांकि एक तरफ के शेड में घेराव होने की वजह से थोड़ी बहुत ठण्ड से बचाव हो जाती है लेकिन दूसरी ओर बने शेड के तीन ओर से खुले होने की वजह से पछुवा सर्द हवा उक्त स्थान पर रहने वालों के हाड कंपा देती है. जीएमसीएच में चल रहे निर्माण कार्यों को लेकर कुछ दिनों पूर्व पश्चिमी भाग के शेड से सटे बिल्डिंग के ध्वस्त कर दिए जाने की वजह से एक बड़ा भाग खाली हो गया है जिसे वहां स्थित शेड में सीधे ठंडी हवा प्रवेश कर जाती है. आश्चर्य तो इस बात का है उक्त स्थान पर न सिर्फ नवजात के अभिभावक बल्कि नवजात की मां भी रहती है. ठण्ड का असर जच्चे और बच्चे दोनों के स्वास्थ्य को बुरी तरह प्रभावित कर सकता है. वहां रहने वाले लोग प्लास्टिक और कपडे को टांगकर ठण्ड से बचने के उपाय करने को मजबूर हैं.
निकू पिकू तथा धर्मशाला अबतक नहीं हुआ हैण्डओवर
मिली जानकारी के अनुसार राजकीय चिकित्सा महाविद्यालय एवं अस्पताल में एसएनसीयू की जगह निकू पिकू तथा अभिभावकों के लिए धर्मशाला की सुविधा उपलब्ध कराए जाने की योजना है लेकिन अभी तक इसे अमलीजामा नहीं पहनाया जा सका है. कहने को तो विशाल मेडिकल कॉलेज बनकर तैयार है लेकिन अबतक कई ऐसे महत्वपूर्ण कार्य हैं जिनके पूर्ण नहीं होने की वजह से मरीजों और उनके परिजनों को भारी परेशानी उठानी पड़ रही है. नए भवन में प्रस्तावित नवजातों के एसएनसीयू की जगह एनआईसीयू और पीआईसीयू (निकू-पिकू) और अभिभावकों के लिए धर्मशाला का काम अबतक पूर्ण नहीं हो सका है जबकी जीएमसीएच में लगातार मरीजों की संख्या में इजाफा हो रहा है.
बोले परिजन
तीन दिन से नतनी एसएनसीयू में भर्ती है. अपने परिवार और बेटी के साथ यहीं रह रहे हैं. बच्चे की स्थिति में सुधार है. यहां बाकी सब तो ठीक है लेकिन रात में ठण्ड बढ़ने से परेशानी होती है किसी तरह समय काट रहे हैं.
पांच दिन से भतीजी यहां भर्ती है जन्म से ही कमजोर थी सांस लेने में परेशानी थी. अब काफी सुधार हुआ है. वह तो अन्दर में है लेकिन यहाँ परिवार के लोग बाहर ठंड में ही किसी तरह रह रहे हैं. कपड़ा और प्लास्टिक टांगकर काम चला रहे हैं.सुषमा देवी, कसबा निवासीफोटो. 28 पूर्णिया 5
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