सावन में कांवर यात्रा को निकले शिवभक्तों की जम रही टोली
बोल बम का जयकारा लगाते हुए देवघर रवाना हो रहे हैं कांवरिये
दरअसल, गुलाबबाग जीरोमाइल का यह चौराहा पूर्वोत्तर भारत का गेटवे है. इस कांवरिया शिविर में पश्चिम बंगाल, बंगाल, दार्जिलिंग, अरुणाचल प्रदेश, असम, मणिपुर, मेघालय, मिजोरम, नागालैंड, सिक्किम समेत सभी पूर्वोत्तर भारत के राज्यों के शिवभक्त अपनी कांवर यात्रा के दौरान जीरोमाइल शिविर में पड़ाव डालते है जिससे लगता है यहां भारत का छोटा हिस्सा उतर आया है. दूसरी तरफ नेपाल के विराटनगर, दुहबी, रानी के अलावा भूटान के सीमावर्ती इलाकों के विदेशी कांवरियों का भी ठहराव यहीं हुआ करता है. पूर्णिया प्रमंडलीय मुख्यालय में यह अकेला शिविर है जहां पिछले कई सालों से कांवरियों की मुफ्त सेवा की जा रही है. शिविर में एक ऐसे शिवभक्त से मुलाक़ात हुई जो असम के कामरूप स्थित सुआल कुची से देवघर के लिए पैदल निकला और कुल 20 दिनों तक पैदल चल कर 29 जुलाई की शाम जीरो माइल शिविर पहुंचा है. कुल चार लोग साथ में हैं. शिविर में रंजीत सिंह,नारायण लोहिया, रमेश पारीक आदि ने इन शिव भक्तों का स्वागत किया और सेवा सुविधा मुहैया करायी. जयंत कुमार वैश्य नामक इस शिवभक्त ने बताया कि यहां थोड़ा विश्राम कर वे लोग देवघर के लिए रवाना हो रहे हैं. पश्चिम बंगाल के नारायण दास,पिंटू पाल और प्रशांत चटर्जी ने कहा कि इस शिविर में वे लोग जाने-आने के क्रम में ठहरते हैं. यहां कांवरियों का काफी ख्याल रखा जाता है. डाक्टरी सुविधा भी यहां उपलब्ध है.
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