पप्पू यादव को नामांकन की इजाजत नहीं
इस पूरे मामले में जब बिहार कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अखिलेश प्रसाद सिंह से पूछा गया तो उन्होंने कहा कि पार्टी ने पप्पू यादव को नामांकन की इजाजत नहीं दी है. जब सीट बंटवारे का फार्मूला पार्टी आलाकामान ने तय कर दिया है. औरंगाबाद से निखिल कुमार उम्मीदवार थे, लेकिन उन्होंने नामांकन नहीं किया. ऐसे में जो सीट कांग्रेस को मिली है, उसके बाहर नामांकन करने की इजाजत किसी को नहीं है. इससे अधिक इस मामले में कुछ नहीं कहा जा सकता है. दरअसल पप्पू यादव की बात सीधे आलाकमान से होती है. उनकी पत्नी रंजीता रंजन न केवल राज्यसभा सदस्य हैं, बल्कि गांधी परिवार की बेहद नजदीक हैं. ऐसे में पप्पू पर कार्रवाई कब और क्या होगी, यह कोई पुख्ता तौर पर नहीं जानता.
कांग्रेस कार्यकर्ता बीमा भारती के साथ
बिहार कांग्रेस के प्रवक्ता राजेश राठौर ने भी इतना ही कहा कि पप्पू यादव कांग्रेस पार्टी के उम्मीदवार नहीं हैं. कांग्रेस के कोटे में जो 9 सीटें आई हैं, उसमें पूर्णिया शामिल नहीं है. बीमा भारती ही हमारे गठबंधन की साझा प्रत्याशी हैं, इसलिए कांग्रेस पार्टी का एक-एक वर्कर बीमा भारती को जिताएगा. इसके साथ ही पप्पू यादव बुलेट चलाकर नॉमिनेशन के लिए पहुंचे और वहां उन्होंने कहा कि मैं परेशान जरूर हुआ हूं, मगर हिम्मत बरकरार है. कांग्रेस परिवार मेरे साथ है और मैं कांग्रेस के साथ खड़ा रहूंगा. देश और पूर्णिया की जनता के लिए मैं चुनाव लड़ रहा हूं. जनता के आशीर्वाद से मेरी जीत होगी.
Also Read: बिहार में अपनी पारंपरिक सीटों से भी बेदखल हो गयी कांग्रेस, जानें कन्हैया के साथ क्या हुआ खेला
जाप का कांग्रेस में किया था विलय
विगत 20 मार्च को अपनी पार्टी जाप का कांग्रेस में विलय कर पप्पू यादव ने सभी को चौंकाया था. विलय के बाद से ही ऐसे कयास लगाए जा रहे थे कि कांग्रेस की पारंपरिक सीट रही पूर्णिया लोकसभा सीट कांग्रेस के खाते में जाएगी. इसके बाद पप्पू यादव ने पूर्णिया लोकसभा सीट के लिए कांग्रेस में अपनी दावेदारी पेश कर दी, लेकिन सीट बंटवारे के फार्मूले के तहत यह सीट राजद के खाते में चली गई और यहां से लालू प्रसाद ने जदयू छोड़कर राजद में शामिल हुई विधायक बीमा भारती को अपना उम्मीदवार बना दिया.