Purnia news : शहर के जनता चौक स्थित बीवीगंज पुल के समीप बसा मुहल्ले मातम पसरा है. कुंभ से वापसी के दौरान सड़क दुर्घटना में हुई डाॅ सोनी यादव समेत चार लोगों की मौत से तमाम परिजन सदमे में है.
पूरे मुहल्ले में दिखा मातम का मंजर
पूरे मुहल्ले में मातम का मंजर है. हर कोई इस घटना से मर्माहत है. शहर के जनता चौक के समीप ही डाॅ सोनी यादव का निवास है. यहां सोनी यादव अपने पति डॉ मुकेश यादव, दो बच्चों, फुफेरी सास और सास-ससुर के साथ रहती थीं. सोनी के ढाई साल के दोनों ही बच्चे जुड़वां है, जो अपनी मां की मौत से अनजान हैं. शनिवार की सुबह करीब 06 बजे एंबुलेंस से जनता चौक स्थित आवास पर एक साथ दो शव आये. एक शव डॉ सोनी यादव का और दूसरा उनकी फुफेरी सास गायत्री देवी का था. जैसे ही एंबुलेंस घर पहुंचा, उनके परिजन लिपट गये. परिजन की चीत्कार से वहां जुटे मुहल्ले के लोगों का कलेजा छलनी हो रहा था. सबकी आखें छलक पड़ीं. सभी एक दूसरे को ढांढस दे रहे थे. बाहर परिजनों में चीत्कार मची थी, तो अंदर कमरे में हादसे से अनजान डॉ सोनी के दोनों बच्चे सो रहे थे. पर, बच्चों को यह मालूम नहीं कि काल ने उनसे क्या छीन लिया है. दोनों ही बच्चों को सर्दी है. दोनों बच्चों को जो भी देख रहा था, वह रोते हुए यही कह रहा था कि हे भगवान ! अब ये बच्चे अपनी मां के बिना कैसे रहेंगे ?
नाती को गोद में लिए हुए फफक रही थीं सोनी की मां
डॉ सोनी यादव और उनकी फुफेरी सास का शव बनमनखी के राधानगर चला गया. इसके बाद घर में डॉ सोनी यादव की सास राजकुमारी देवी, मां मीणा देवी, मौसी पिंकी और दो अन्य परिचित थे. जुड़वां बच्चों में बड़े का नाम किंशु और दूसरे का नाम केरवहै. सुबह दोनों ही बच्चे सोयेथे. डॉ सोनी की मां अपने नातियों को गोद में लिए हुए फफक-फफक कर रोते हुए कह रही थीं आखिर इन मासूमों की क्या गलती है, जो भगवान ने उनसे उनकी मां ही छीन ली. डॉ सोनी की मां ने रोते हुए बताया कि उन्हें तो मालूम भी नहीं था कि उनकी बेटी महाकुंभ गयी है. यदि पता रहता तो कभी जाने नहीं देतीं.
दोनों बच्चों को डाॅक्टर बनाना चाहती थीं सोनी
मां मीणा देवी ने बताया की पिछले साल ही इस नये मकान में शिफ्ट हुई थी. जब मकान नहीं बनायी थी, तो सोनी बोलती थी कि मां हम एक बहुत सुंदर मकान बनाएंगे. तब न सब बोलेगा की तुम्हारी बेटी डॉ सोनी यादव का मकान है. पर, अब तो मेरी बेटी ही नहीं रही. सोनी की मौसी पिंकी ने बताया कि जिस दिन सोनी महाकुंभ गयी थी, उसी दिन क्लिनिक गयी थी. क्लिनिक में बहुत देर तक सोनी से बातचीत हुई और जाने के समय गले भी मिली, लेकिन यह नहीं बोली कि शाम में महाकुंभ के लिए निकलूंगी. मौसी पिंकी ने बताया कि सोनी बोलती थी दोनों ही बच्चों को डॉक्टर बनाऊंगी, लेकिन अब सोनी ही दोनों बच्चों को छोड़कर चली गयी.
शाम सात बचे सभी लोग कार से निकले
बच्चों की देखभाल कर रहे शंकर यादव भी डॉ सोनी की मौत से सदमे था. शंकर यादव ने बताया की डॉ सोनी क्लिनिक से आते ही घर में खुद से नाश्ता बनायीं.एमआर दीपक झा, कंपाउंडर विपिन कुमार और ड्राइवर के साथ चार पहिया वाहन से बुधवार की शाम करीब सात बजे निकलीं. कंपाउंडर विपिन ऑपरेशन थियेटर में स्टिच लगाने में सहयोग करते हैं, जो अभी घायल हैं.
बनमनखी ने अपनी बहू डॉ सोनी यादव को नम आंखों से दी विदाई
कुंभ स्नान से लौटने के दौरान सड़क हादसे में मृत पूर्णिया की चिकित्सक डॉ सोनी यादव का पार्थिव शरीर ससुराल बनमनखी के राधानगर शुक्रवार रात को पहुंचा. शव घर पहुंचते ही पूरा इलाका चीत्कार में डूब गया. अंतिम दर्शन के लिए क्षेत्रवासी उमड़पड़े. स्थानीय विधायक कृष्ण कुमार ऋषि, पूर्व राजद विधायक दिलीप यादव, भाजपा के वरिष्ठ नेता अवधेश साह, पूर्व राजद प्रत्याशी सोना पासवान, दिलीप यादव समेत सैकड़ों की संख्या में प्रबुद्धजन राधानगर पहुंचे. सभी लोग दाह संस्कार तक मौजूद रहे व मृतक के परिजनों को ढांढस बंधाते रहे. शनिवार को हिंदू रीति रिवाज से शव का दाह संस्कार किया गया. दिवंगत डॉ सोनी को पति डॉ मुकेश यादव के भतीजे अमरजीत यादव ने मुखाग्नि दी.