भवानीपुर. भवानीपुर प्रखंड की जाबे पंचायत के जाबे कुशाहा गांव में दो दिवसीय संतमत सत्संग में आस्था का सैलाब उमड़ पड़ा. सत्संग शनिवार और रविवार को होगा. इस भव्य आयोजन के मौके पर जहा जाबे पंचायत क्षेत्र और आसपास का इलाका आध्यात्मिक रस से सराबोर बना हुआ है. वहीं इस मौके पर कई जगहों से आये संत महात्माओं की अमृतवाणी के सागर में हर कोई डूबा नजर आया. आध्यात्मिक गंगा में डूबकर भक्तिरस छककर पीने को आतुर श्रद्धालुओं को मनियारपुर से पधारे परमपूज्य चतुरानंद जी महाराज ने कहा कि ईश्वर भक्ति में ही मानव कल्याण संभव है. मनुष्य शरीर की सार्थकता और सफलता ईश्वर भक्ति में है. उन्होंने कहा कि जो मनुष्य शरीर पाकर भी ईश्वर भक्ति नहीं करता है उसके लिए मनुष्य शरीर नहीं पाने के समान है, फलतः उसका जीवन पशुवत है. कहा कि जिस प्रकार मनुष्य तन के लिए भोजन जरूरी है उसी प्रकार मन के लिए सत्संग अनिवार्य है. जब तक मनुष्य सत्संग व भगवान की स्तुति नहीं करेंगे तबतक ईश्वर के प्रति श्रद्धा नहीं जगेगी और श्रद्धा के बगैर सारा प्रयास निरर्थक होगा. उन्होंने कहा कि आज समाज में जितनी भी विकृति उत्पन्न हो रही है उसके लिए मनुष्य का भगवान से विमुख होना एकमात्र कारण है. भगवान से जुड़ा मनुष्य कभी गलत व्यभिचार करने की बात तो दूर सोचने का प्रयास भी नहीं करता है. आयोजन को सफल बनाने में समूचे जाबे कुशाहा ग्रामवासियों का सराहनीय योगदान बना हुआ है.
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