आश्वासनों के बीच सालों से झूल रही है बेंच स्थापना की मांग

उठने लगी है उच्च न्यायालय खंडपीठ की मांग

By Prabhat Khabar News Desk | December 14, 2024 6:01 PM
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फ्लैग– एयरपोर्ट निर्माण की स्वीकृति मिलने के बाद कब होगी हाई कोर्ट बेंच की स्थापना

पूर्णिया में एक बार फिर उठने लगी है उच्च न्यायालय खंडपीठ की मांग

पूर्णिया. एयरपोर्ट का रास्ता साफ हो गया. अगले साल पूर्णिया से हवाई सेवा भी शुरू हो जाएगी, पर हाई कोर्ट के बेंच की स्थापना कब होगी, यह एयरपोर्ट की स्वीकृति मिलने के बाद पूर्णिया के लोग सवालिये लहजे में पूछने लगे हैं. यही वजह है कि यह मांग यहां फिर से उठने लगी है. जानकारों की मानें, तो पूर्णिया में यह मांग पिछले 34 सालों से लंबित चली आ रही है. इसके लिए नब्बे के दशक में एक याचिका भी हाई कोर्ट में दायर की गयी थी, जबकि अलग-अलग माध्यमों से राज्य सरकार तक यह मांग मुखर रूप से पहुंचायी गयी थी. दरअसल, पूर्णिया में पटना उच्च न्यायालय की खंडपीठ की स्थापना आज पूर्णिया की बड़ी जरूरत है. यहां के लोगों को 300 किलोमीटर की दूरी तय पटना उच्च न्यायालय जाना-आना पड़ता है. होटलों में दो-तीन दिनों तक रुकना और अधिवक्ताओं से संपर्क करना काफी खर्चीला है, जो सबके वश की बात नहीं. खास कर गरीब और मध्यमवर्गीय लोगों का पूर्णिया से पटना का सफर तय कर अपने मुकदमों की पैरवी करना मुश्किल हो जाता है. अधिक खर्च होने के कारण इस तबके के लोग नियमित रूप से वहां नहीं पहुंच पाते हैं और न्याय से वंचित रह जाते हैं. पूर्णिया के अधिवक्ताओं का भी मानना है कि यदि पूर्णिया में हाईकोर्ट की बेंच का गठन हो जाता है, तो यहां के लोगों को काफी सहूलियत होगी और सस्ते दर पर न्याय मिल सकेगा .

कोरोना काल में थम गया था मुद्दा

गौरतलब है कि हाई कोर्ट का बेंच पूर्णिया की जरूरत है और इसके लिए सबसे पहले पूर्णिया के जाने माने अधिवक्ता स्व. के पी वर्मा ने नब्बे के दशक में इस मुतल्लिक एक रिट याचिका दायर की थी. वे जीवन भर इसकी लड़ाई लड़ते रहे. बाद में यहां के विद्वान अधिवक्ताओं ने भी मुद्दा बनाया और इस मुद्दे को लेकर सामाजिक और राजनीतिक सहमति भी बना कर अभियान भी तीन वर्ष पहले चलाया. अहम यह है कि इस मसले पर अकेले अधिवक्ता ही नहीं, पूर्णिया का प्रबुद्ध जनमानस भी अमूमन एक मंच पर आए औऱ समय समय पर आंदोलनात्मक गतिविधियों को अंजाम भी दिया. इसी का परिणाम है कि सियासी पार्टियों ने भी आगे चलकर इस मांग को अपना समर्थन दिया पर कोरोना काल में यह मुद्दा थम गया जिसे नये सिरे से उठाने की जरुरत महसूस की जा रही है.

हाई कोर्ट के जस्टिस ने दिया था भरोसा

नेशनल कॉन्फ्रेंस में भी हुई थी चर्चा

आंकड़ों का आइना

1981 में आल इंडिया बार एंड बेंच यूनिटी कॉन्फ्रेंस में उठा था मामला

1992 में पूर्णिया आये पटना हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस को दिया गया था ज्ञापन

2018-19 में पूर्णिया के अधिवक्ताओं ने चलाया था अभियान

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