भोजपुरी में रूडी ने बयां किया दर्द
राजीव प्रताप रूडी ने शपथ के लिए मंच पर चढ़ते ही स्पीकर की चेयर पर बैठे पूर्वी चंपारण से भाजपा सांसद राधामोहन सिंह से कहा, “सब लोग आपन-आपन भाषा में देता, त केतना अच्छा लागत आ. हमनी भोजपुरी में देतीं त अउर निमन लागित नु? सब लोग आपन-आपन भाषा में दे ता. अब भोजपुरी नाईखे त. तभी पीछे से शपथ लेने की आवाज आई तो रुडी ने कहा- हम पढ़ देत बानी भाई, पढ़त बानी, पढ़त बानी.” इसके बाद उन्होंने शपथ ग्रहण किया.
राजीव प्रताप रूडी की कही इन बातों का हिन्दी में मतलब है कि सब लोग अपनी-अपनी भाषा में शपथ ले रहे हैं, तो कितना अच्छा लग रहा है. हम लोग भी अगर भोजपुरी में शपथ लेते तो और अच्छा लगता सब अपनी भाषा में पढ़ रहे हैं, अब भोजपुरी नहीं है तो.
भोजपुरी में क्यों नहीं ले सकते शपथ
राजीव प्रताप रूडी संसद में भोजपुरी में शपथ नहीं ले पाए क्योंकि शपथ के लिए संविधान के अनुसार आठवीं अनुसूची में निर्धारित 22 भाषाओं में से किसी एक का ही उपयोग किया जा सकता है और भोजपुरी इन 22 भाषाओं में शामिल नहीं है. इस वजह से रूडी को हिन्दी में शपथ लेना पड़ा.
भारतीय संविधान की आठवीं सूची में शामिल 22 भाषाएं असमिया, बांग्ला, बोड़ो, डोगरी, गुजराती, हिंदी, कन्नड़, कश्मीरी, कोंकणी, मणिपुरी, मराठी, मलयालम, मैथिली, उड़िया, उर्दू, तमिल, तेलुगू, नेपाली, पंजाबी, संथाली, संस्कृत और सिंधी है. इन्हीं भाषाओं में शपथ लिया जा सकता है.
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