पटना. कोरोना के डेल्टा प्लस वैरिएंट को लेकर पटना सहित पूरे बिहार के लिए राहत भरी खबर है. पटना एम्स में अब तक 62 हजार से अधिक कोरोना मरीजों के नमूनों की जीनोम सिक्वेंसिंग करायी जा चुकी है.
राहत की बात है कि दो महीनों के दौरान किसी में भी डेल्टा प्लस की पुष्टि नहीं हुई है. दूसरी लहर में सबसे ज्यादा डेल्टा वैरिएंट का प्रकोप रहा.
प्रदेश में अब तक करीब 12 लाख से अधिक लोग कोरोना की चपेट में आ चुके हैं. सबसे ज्यादा पटना में 1.70 लाख से अधिक लोग संक्रमित हो चुके हैं. इनमें करीब दो हजार लोगों की मौत भी हो चुकी है.
केरल व पूर्वी भारत से आने वालों की जांच तेज
दुनिया में कई जगह डेल्टा प्लस की पुष्टि हुई. इसके बाद बिहार में भी डेल्टा प्लस व अन्य वैरिएंट का पता लगाने की कवायद शुरू हुई. ऐसे में विदेश या फिर संक्रमण प्रभावित राज्यों से आने वालों की जांच शुरू की गयी.
इनमें जो लोग संक्रमित मिल रहे हैं, उनकी जीनोम सिक्वेंसिंग करायी जा रही है. खासकर केरल व पूर्वी भारत से आने वाले लोगों पर विशेष नजर रखी जा रही है.
सिविल सर्जन डॉ विभा कुमारी ने बताया कि केरल सहित जिन राज्यों में कोरोना के मामले बढ़ रहे हैं, वहां से आने वाले लोगों की जांच आवश्यक कर दी गयी है.
Posted by Ashish Jha
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