Prashant Kishor: “जिनका भी साथ दिया, वह राजा बना…”, PK ने अपनी जन्मभूमि से किए तीन वादे

Prashant Kishor: प्रशांत किशोर ने करगहर में जनसभा को संबोधित करते हुए रोजगार, पेंशन और शिक्षा पर तीन बड़े वादे किए हैं. उन्होंने कहा कि उनकी सरकार बनने पर मजदूरों को बिहार में रोजगार, वृद्धों को ₹2000 पेंशन और बच्चों की शिक्षा का खर्च सरकार उठाएगी. पढे़ं पूरी खबर…

By Aniket Kumar | June 23, 2025 10:44 AM
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Prashant Kishor: जन सुराज पार्टी के सूत्रधार प्रशांत किशोर ने रविवार को रोहतास के करगहर विधानसभा क्षेत्र के जगजीवन मैदान में आयोजित एक विशाल जनसभा को संबोधित करते हुए तीन बड़े वादे किए. उन्होंने स्पष्ट कहा कि अगर बिहार में उनकी सरकार बनी तो एक साल के भीतर राज्य से बाहर काम करने वाले मजदूरों को बिहार में ही 10 से 12 हजार रुपये मासिक की आमदनी वाला रोजगार उपलब्ध कराया जाएगा. यह वादा उन लाखों बिहारी परिवारों के लिए उम्मीद की किरण है, जिनके सदस्य रोजगार की तलाश में दूसरे राज्यों में पलायन करते हैं.

वृद्धा पेंशन में होगी क्रांतिकारी बढ़ोतरी

प्रशांत किशोर ने वृद्धजन हितों को ध्यान में रखते हुए घोषणा की कि वृद्धा पेंशन को वर्तमान 400 रुपये से बढ़ाकर सीधे 2000 रुपये प्रति माह किया जाएगा. यह कदम वरिष्ठ नागरिकों के जीवन को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने में मददगार होगा. उनके अनुसार, सामाजिक सुरक्षा और सम्मान के लिए यह जरूरी है कि बुजुर्गों को आत्मनिर्भरता का अनुभव हो.

प्राइवेट पढ़ाई का खर्च सरकार उठाएगी

शिक्षा के क्षेत्र में भी प्रशांत किशोर ने बड़ा एलान किया. उन्होंने कहा कि जब तक सरकारी स्कूलों की गुणवत्ता में सुधार नहीं आता, तब तक 15 वर्ष से कम उम्र के बच्चों की प्राइवेट स्कूल की पढ़ाई का खर्च सरकार वहन करेगी. यह वादा उन परिवारों के लिए राहत भरा है, जो आर्थिक अभाव के चलते अपने बच्चों को अच्छी शिक्षा नहीं दिला पाते.

अपने जड़ों से जुड़े प्रशांत किशोर

प्रशांत किशोर ने सभा के दौरान यह भी बताया कि उनका जन्म करगहर में हुआ था और उनके पिता यहीं पर डॉक्टर थे. उन्होंने इसे अपनी जमीन और लोगों से जुड़ाव का प्रतीक बताया. कार्यक्रम में जन सुराज पार्टी के वरिष्ठ नेता विनोद तिवारी और अतेंद्र सिंह भी मौजूद रहे.

लालू यादव पर साधा निशाना

राजनीतिक हमले में भी प्रशांत किशोर पीछे नहीं रहे. उन्होंने कहा कि लालू यादव अपने नौवीं फेल बेटे को बिहार का राजा बनाने की चिंता कर रहे हैं, जबकि जनता को अपने बच्चों की पढ़ाई और रोजगार के लिए वोट करना चाहिए. उन्होंने दावा किया कि पिछले 15 सालों में उन्होंने जिनका भी साथ दिया, वे सत्ता तक पहुंचे. करीब 12 लोगों को मुख्यमंत्री बनाने में मदद की, लेकिन अब वे केवल बिहार के भविष्य के निर्माण के लिए काम करेंगे.

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