कविता के पीछे है दर्द भरी कहानी
अंजली ने बताया कि उनका घर 2017 में बना था. बाद में घर का आधा हिस्सा हाइवे में चला गया. उस वक्त उनके घर में खाना को बनता था. मगर चिंता के कारण घर का कोई सदस्य एक निवाला भी नहीं खा पाता था. इसी को लेकर उन्होंने एक कविता लिखी थी. कविता के बोल थे, ‘ये हम किस विकास की डगर जा रहे हैं, दर्द होता जब घर की सारी उम्मीदें टूट जाती हैं, पलभर की मुस्कान के बाद, खुशियां भी रूठ जाती हैं’. कविता इतनी मार्मिक थी कि अमिताभ बच्चन की भी आंखे भर आयी. इस कविता का अमिताभ बच्चन के खुद अपने स्वर में पाठ किया.
एमए में राजनीतिशास्त्र की टॉपर है अंजली
अंजली पूर्णिया की रहने वाली है. उनके पिता का नाम राजीव रंजन झा है. वो पूर्णिया विवि से राजनीति शास्त्र में स्नातकोत्तर विषय की टॉपर रही हैं. केबीसी में उनके प्रतिभा को देखकर अमिताभ बच्चन ने भी उनती तारीफ की है. कार्यक्रम में उनके साथ पति माधवानंद झा, जेठ राघव कुमार झा व ससुर रविंद्र झा भी मौजूद थे. बुधवार की रात चार सवालों का जवाब दिया तब तक समय पूरा हो गया. बाकि का खेल अगले एपिसोड में प्रसारित होगा. हालांकि अंजली ने अभी कितना पुरस्कार जीता है, इसके बारे में कोई जानकारी नहीं है.