छपरा. सारण के पुरातात्विक और पर्यटन के लिहाज से चर्चित स्थलों का दिन बहुरने वाला है. इसे लेकर जिलाधिकारी अमन समीर का प्रयास अब रंग लाने लगा है. जिले के पुरातात्विक स्थलों को बेहतर करने के लिहाज से कला, संस्कृति एवं युवा विभाग के सचिव मंगलवार को छपरा पहुंचे. छपरा पहुंचते ही उन्होंने सदर प्रखंड अंतर्गत चिरांद के पुरातात्विक स्थल, करींगा का मकबरा और छपरा संग्रहालय का स्थलीय निरीक्षण किया.
पर्यटन के दृष्टिकोण से तीनों स्थलों का होगा विकास
कला, संस्कृति विभाग के सचिव ने पर्यटन के दृष्टिकोण से इन तीनों स्थलों को अधिक से अधिक विकसित करने के लिए जिलाधिकारी को कई आदेश दिए. उन्होंने चिरांद के पुरातात्विक स्थल के पहुंच पथ निर्माण के लिए संबंधित पदाधिकारियों को आवश्यक निर्देश दिया. निरीक्षण के दौरान उप विकास आयुक्त, अपर समाहर्ता, जिला कला संस्कृति पदाधिकारी, अनुमंडल पदाधिकारी, सदर, अंचलाधिकारी, सदर तथा थानाध्यक्ष उपस्थित रहे. चिरांद का संक्षिप्त इतिहास : चिरांद, सारण जिले का एक महत्वपूर्ण पुरातात्विक स्थल है, जो छपरा से 11 किलोमीटर दक्षिण पूर्व में डोरीगंज बाजार के पास स्थित है. चिरांद में खुदाई से नवपाषाण काल लगभग 2500-1345 ईसा पूर्व और ताम्रपाषाण युग की संस्कृति का पता चलता है. यहां से हड्डियों, गेहूं की बालियों और पत्थर के औजार मिले हैं, जिससे पता चलता है कि यहाँ के लोग कृषि, पशुपालन और आखेट में संलग्न थे.
सारण का ढोढ आश्रम का भी विकास जरूरी
गौतम ऋषि आश्रम का भी नहीं हुआ विकास
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