Chapra Murder Case: वकील पिता-पुत्र पर पहले भी हुआ था हमला, इस बार अपराधियों ने हत्या की बनाई थी सटीक योजना

मुफस्सिल थाना क्षेत्र के सीसीएस स्कूल के सामने मुख्य सड़क पर अधिवक्ता पिता-पुत्र की हत्या बेहद सटीक योजना के साथ की गई थी. अपराधियों को पता था कि वे दोनों घर से निकल चुके हैं और जैसे ही वे दुधियापुल के पास पहुंचे, अपराधियों ने गोली मार दी

By Anand Shekhar | June 12, 2024 11:30 PM
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Chapra Murder Case: छपरा के मुफस्सिल थाना क्षेत्र के दुधहिया पोखरा के समीप बेखौफ अपराधियों ने कोर्ट जा रहे पिता पुत्र की गोली मारकर हत्या कर दी. दोनों मृतक पेशे से वकालत करते थे और सुबह-सुबह बह वह कचहरी जा रहे थे. मृतकों की पहचान मुफ्फसिल थाना क्षेत्र के मेथवलिया गांव निवासी राम अयोध्या प्रसाद और सुनील यादव के रूप में हुई है. स्थानीय लोगों ने बताया कि घटना को उस वक्त अंजाम दिया गया जब दोनों पिता-पुत्र बाइक से कचहरी जाने के दौरान दुदहिया पोखरा के पुल के समीप पहुंचे थे. गोली लगने के बाद आनन-फानन में दोनों को अस्पताल लाया गया. जहां चिकित्सकों ने दोनों को मृत घोषित कर दिया.

पांच अपराधियों ने सुनियोजित तरीके से की पिता पुत्र की हत्या

अधिवक्ता पिता-पुत्र की हत्या बड़ी ही सटीक प्लानिंग से की गयी थी. इस दौरान अपराधियों को यह जानकारी थी कि अब वे दोनों घर से निकल गये है और जैसे ही वे दूधियापुल के पास पहुंचे तीन मोटरसाइकिल पर पांच अपराधियों ने पीछे से पिस्टल सटाकर पहले पिता के सिर में गोली मार दी. उसके बाद पुत्र के द्वारा भागने की कोशिश की गयी तो उसे भी पकड़ कर ताबड़तोड़ सीने व पेट में दो गोली मार दी गयी. वहीं अस्पताल में एक्सरे रिपोर्ट के आधार पर पिता को दो व पुत्र को तीन गोली लगी है. जिसमें एक गोली शरीर के आर-पार हो गयी है. जबकि दोनों के शरीर से दो-दो गोली पायी गयी है.

पूर्व में भी पिता-पुत्र पर हुआ था हमला

जमीन संबंधी विवाद को लेकर अधिवक्ताओं ने बताया कि पूर्व में भी उनके भतीजे की हत्या जमीन संबंधी विवाद को लेकर की गयी है. वहीं इन लोगों पर भी कई बार जानलेवा हमला हो चुका है. हालांकि पूर्व में मोटरसाइकिल से कुचल कर हत्या करने की भी कोशिश की गयी थी, लेकिन उसमें अपराधी असफल हो चुके थे. उसके बाद से अब तक उन लोगों को सटीक जानकारी प्राप्त नहीं हो पा रही थी. जिस कारण इस घटना को अंजाम देने में अब तक वह असफल रहे थे. वही एक बार फिर इस घटना को अंजाम देकर अपराधियों ने एक ओर जहां अपनी अदावत साध ली वहीं पुलिस को भी खुली चुनौती दे दी है.

जमीन विवाद में हत्या

घटना की जानकारी लेने पहुंचे एसपी डॉ कुमार आशीष ने बताया कि हत्या का कारण मुफस्सिल थाना अंतर्गत घोष कॉलोनी का जमीनी विवाद है. एसपी सदर एसडीपीओ के नेतृत्व में एसआईटी गठित कर दी गई है. गठित एसआइटी टीम के द्वारा त्वरित कार्रवाई करते हुए दो लोगों को गिरफ्तार कर लिया गया है. गिरफ्तार मुफस्सिल थाना क्षेत्र के मेथवलिया के काली राय व जगदीप राय है. वहीं घटना स्थल पर पहुंचकर एसएफएल की टीम के द्वारा भी जांच की जा रही है. साथ ही पुलिस ने घटनास्थल के समीप लगे सीसीटीवी फुटेज को भी खंगाल रही है. इसके अलावा तकनीकी शाखा भी इस पूरे मामले की जांच कर रही है

वहीं सदर अस्पताल में एएसपी राज किशोर सिंह ने भी पहुंचकर परिजनों व ग्रामीणों से बात चीत कर जल्द अपराधियों की गिरफ्तारी को ले सांत्वना दी. सदर अस्पताल में भगवान बाजार थानाध्यक्ष सुभाष कुमार सिंह व अस्पताल प्रबंधक राजेश्वर प्रसाद की देखरेख में शव का पोस्टमार्टम कराया गया.

मृत अधिवक्ताओं के परिजन ने थाने में दर्ज करायी प्राथमिकी

हत्या के बाद अस्पताल पहुंचे अधिवक्ताओं ने अविलंब अपराधियों की गिरफ्तारी की मांग की. उन्होंने कहा कि अपराधियों ने सटीक योजना के तहत घटना को अंजाम दिया है. मृतक के भाई सत्यदेव प्रसाद यादव के द्वारा मुफस्सिल थाने में आवेदन देकर सात लोगों को नामजद अभियुक्त बनाया गया है. हालांकि समाचार प्रेषण तक प्राथमिकी दर्ज करने की प्रक्रिया चल रही है. वहीं एसआइटी इस पूरे मामले में शामिल अन्य अभियुक्तों की गिरफ्तारी के लिए लगातार छापेमारी कर रही है.

पूर्व में भी हो चुकी है अधिवक्ता की हत्या

विधिमंडल के पूर्व अपर लोक अभियोजक राम अयोध्या प्रसाद यादव व उनके अधिवक्ता पुत्र सुनील कुमार यादव की अपराधियों द्वारा अंधाधुंध फायरिंग कर हत्या कर दिये जाने की घटना कोई पहली घटना नहीं है . इसके पूर्व वर्ष 2017 के 14 जुलाई को विधिमंडल के वरीय अधिवक्ता व थल सेना से अवकाश प्राप्त रमेन्द्र कुमार शर्मा की भी हत्या हो चुकी है. उनकी हत्या भी अपराधियों ने इसी घटना की तरह अंजाम दिया था.

रमेन्द्र कुमार शर्मा गड़खा बाजार के बसंत रोड स्थित अपने घर से न्यायालय के लिए मोटरसाइकिल से निकले थे कि पूर्व से घात लगाये अपराधियों ने भैंसमारा पेट्रोल पंप के निकट उनपर ताबड़तोड़ फायरिंग कर उन्हें मौत के घाट उतार दिया था. अधिवक्ता को भी सदर अस्पताल लाया गया था परंतु चिकित्सक ने उन्हें मृत घोषित कर दिया था. इस मामले में मृत अधिवक्ता के समधी सत्यदेव ओझा ने गरखा थाना कांड संख्या 287/17 में नामजद व अज्ञात के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज कराया था.

फिलवक्त यह मामला व्यवहार न्यायालय के अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश चतुर्थ संजीव कुमार राय के न्यायालय में विचाराधीन है. मामले में सरकार का पक्ष रखने वाले अपर लोक अभियोजक ध्रुवदेव सिंह ने बताया कि उक्त मामला तीन सत्रवाद में चल रहा है . सत्रवाद 572 /20 में जहां आरोप का गठन करते हुये मामला साक्ष्य में चल रहा है तो वहीं सत्रवाद 259/20 और 267/20 में आरोप का गठन होना बाकी है.

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