बैठक में हंगामा और बहिष्कार
नगर आयुक्त सुनील कुमार पांडे ने सुबह 11 बजे बजट संपुष्टि बैठक की समय निर्धारित की थी, लेकिन बैठक आधे घंटे की देरी से 11:30 बजे शुरू हुई. पार्षदों ने जैसे ही उपस्थिति दर्ज करायी, बैठक में टोका-टोकी शुरू हो गयी. पार्षदों ने आपत्ति जताते हुए कहा कि जब 2024-25 के बजट का पैसा ही खर्च नहीं हुआ और योजनाएं धरातल पर नहीं उतरीं, तो नये बजट का क्या औचित्य है? पहले पुराने बजट की राशि से काम करायें, फिर नये बजट पर चर्चा हो.
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पार्षदों में उपस्थिति को लेकर भी असमंजस
एक पार्षद ने कहा कि पिछले साल की तरह इस बार भी बैठक में उपस्थिति रजिस्टर पर हस्ताक्षर कराने की कोशिश की गयी. लेकिन डर है कि उपस्थिति को बजट पारित मान लिया जाये, इसलिए अब हस्ताक्षर करने में भी संकोच हो रहा है.
जनता में बढ़ती नाराजगी
मेरा प्रयास है कि बजट पास हो जाये
लक्ष्मी नारायण गुप्ता, महापौर, नगर निगम
महापौर की चल रही है मनमानी
महापौर की मनमानी चल रही है. वह अपने हिसाब से निगम को चलाना चाहते हैं. उनकी लापरवाही की वजह से रुपये लौट गये. यदि उन्होंने थोड़ी तत्परता दिखाई होती और निगम में राजनीति नहीं की होती तो आज हर वार्ड में काम होता दिखता. स्ट्रीट लाइट से लेकर सभी योजनाएं धरातल पर होती.
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