छपरा. सारण के सांसद एवं पूर्व केंद्रीय मंत्री राजीव प्रताप रुडी ने बुधवार को लोकसभा में नियम 377 के अंतर्गत भोजपुरी के महान साहित्यकार, गीतकार, नाटककार एवं समाज सुधारक भिखारी ठाकुर को भारत रत्न या उपयुक्त पद्म सम्मान से मरणोपरांत सम्मानित करने की मांग की. इस विषय पर रुडी ने पहले भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह को पत्र लिख चुके हैं. इसके अतिरिक्त उन्होंने पद्म सम्मान हेतु ऑनलाइन नामांकन भी स्वयं सरकार को प्रस्तुत किया है. रुडी ने लोकसभा में कहा कि भोजपुरी साहित्य में भिखारी ठाकुर का वही स्थान है, जो अंग्रेजी साहित्य में शेक्सपियर का है. बिहार के सारण जिले के कुतुबपुर दियारा गांव में जन्मे भिखारी ठाकुर ने औपचारिक शिक्षा के अभाव में भी लोकभाषा, रंगमंच और सामाजिक मुद्दों को माध्यम बनाकर समाज में जागरूकता की अलख जगायी. सांसद ने बताया कि भिखारी ठाकुर के नाटक आज भी गांव-गांव में खेले जाते हैं और भोजपुरी समाज में उनकी लोकप्रियता अत्यंत व्यापक है. उन्होंने अपने नाटकों और गीतों के माध्यम से बेटी बचाओ, शराबबंदी, बाल विवाह, सामंतवाद जैसी सामाजिक बुराइयों के विरुद्ध आवाज बुलंद की. यह उस दौर की बात है, जब पिछड़े वर्गों को बोलने का अधिकार तक नहीं था. रुडी ने संसद के माध्यम से सभी राजनीतिक दलों से इस पहल को समर्थन देने की अपील करते हुए कहा कि यह सम्मान सिर्फ भिखारी ठाकुर को नहीं, बल्कि भोजपुरी भाषा, पिछड़े वर्ग और लोकसंस्कृति को भी राष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाने की दिशा में ऐतिहासिक कदम होगा.
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