तटबंध की लगातार निगरानी की जा रही
जल संसाधन विभाग के एसडीओ कमलेश कुमार ने बताया कि वाल्मीकिनगर बराज से डिस्चार्ज किए गए पानी के स्तर में वृद्धि के बाद रविवार से इसमें फिर कमी आई है, जिससे अगले 24 घंटे के बाद जलस्तर में कमी आने लगेगी. उन्होंने बताया कि जल संसाधन विभाग के पदाधिकारियों व कर्मचारियों द्वारा सारण तटबंध की लगातार निगरानी की जा रही है. लोगों को घबराने की कोई जरूरत नहीं है.
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कई बस्तियों में फैल रहा पानी
शुक्रवार को वाल्मीकिनगर बराज से गंडक नदी में करीब तीन लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया. जिसके बाद तरैया थाना क्षेत्र के सारण तटबंध के पूर्वी भाग में दियारा क्षेत्र में स्थित सगुनी, शामपुर, जिमदाहा, अरदेवा, शीतलपुर, बनिया हसनपुर, चंचलिया बिंद टोली, साव बस्ती में पानी काफी तेजी से फैल रहा है.
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चंचलिया बस्ती में पानी से घिरा 70 लोगों का घर
गंडक नदी के बढ़ते जलस्तर के कारण चंचलिया दियारा क्षेत्र में स्थित चंचलिया मुखिया नंदकिशोर साह और उनकी बस्ती के करीब 70 लोगों का घर चारों तरफ से पानी से घिरा हुआ है. गंडक में जब भी उफान या बाढ़ आती है, तो सबसे पहले तरैया प्रखंड के चंचलिया दियारा में रहने वाले लोग प्रभावित होते हैं. चंचलिया मुखिया नंदकिशोर साह, वार्ड सदस्य प्रतिनिधि तुलसी बिंद ने बताया कि यह नेपाल द्वारा छोड़े गए पानी का असर है. उक्त पानी दो से ढाई दिन में फिर उतर जाता है. इससे पहले 8 जुलाई को गंडक के बढ़ते जलस्तर के कारण बिंद टोली और साव बस्ती तक पानी पहुंच गया था, लेकिन अगले दिन पानी उतर गया था.
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सहस्त्रचंडी महायज्ञ मंडप के आसपास भर गया पानी
गंडक नदी के बढ़ते जलस्तर के कारण रविवार को तरैया में सहस्त्रचंडी महायज्ञ स्थल जाने वाली सड़क पर गंडक नदी का पानी चढ़ गया है. पानी ने महायज्ञ मंडप, पूजा पंडालों और प्रवचन मंच को चारों तरफ से घेर लिया है. महायज्ञ में शामिल होने आए दुकानदार अपनी दुकानें बंद कर यज्ञ स्थल से जाने लगे हैं. वहीं सहस्त्रचंडी महायज्ञ में मनोरंजन के लिए झूला, ब्रेक डांस आदि की दुकानों में भी पानी घुस गया है. झूला और ब्रेक डांस विक्रेता अपना सामान बचाने की कोशिश कर रहे हैं. वहीं यज्ञ समिति के सदस्य कह रहे हैं कि दो से ढाई दिन में पानी निकल जाएगा. इसे लेकर घबराने की जरूरत नहीं है.