
पंपिंग सेट से धान की रोपाई कराना बना चुनौती, कर्ज में डूब रहे किसान नोट: फोटो नंबर 13 सीएचपी 7,8 है कैप्सन होगा-पंपिंग सेट से धान का पटवन करते किसान व सायफन से बंद हुआ गंडक नहर प्रतिनिधि, रसूलपुर (एकमा). एक तरफ मौसम की बेरूखी तो दुसरी तरफ सिंचाई व्यवस्था की प्रमुख श्रोत कही जाने वाली मुख्य गंडक नहर का सायफन विगत एक वर्ष से बंद है. गंडक नहर का सायफन बंद होने के कारण स्थानीय किसान धान की रोपाई को लेकर परेशान हैं. धान के बिचड़े तैयार होने के बाद पानी के अभाव में ससमय धान की रोपाई करना किसानों की समस्या बनी है. पानी के अभाव में किसानों के धान के बिचड़े सुख रहे हैं, वहीं सुख रहे धान के बिचड़े बचाने के लिए किसानों को मजबूरन पंपिग सेट से सिचाईं करने पड़ रहे हैं. दो सौ रुपये प्रति घंटे पंपिंग सेट चलवाकर धान की रोपाई कराना किसानों के आगे चुनौती है. पंपिंग सेट चलवाकर रोपाई कराने के चक्कर में कई किसान कर्ज में डूबने को विवश हैं. जामिनी अमनौर, बनवारी अमनौर, माधोपुर मुकुंदपुर रीठ, हुस्सेपुर माधोपुर आदि गांवों के किसान, रामबहादुर यादव, अनिल उपाध्याय, मुन्ना राय पिता स्व प्रद्युम्न राय पश्चिम टोला माधोपुर, रघुनाथ राय, हंसनाथ चौबे कहते हैं अपने निजी पैसे से पिछले साल बंद सायफन की जगह छह इंच का पाइप लगवाया था पर कोई काम नहीं आ रहा, अब वहां 12 इंच के पाइप से कम का पाइप काम नहीं आयेगा. वहीं विभाग इस बात को लेकर बेसुध है.
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