छपरा. छपरा शहर का चर्चित वित्त रहित जनक यादव बालिका उच्च विद्यालय इन दिनों सुर्खियों में है. चर्चा का कारण यह है कि पिछले एक वर्ष से स्कूल में ताला लटका हुआ है. न तो प्राचार्या का कोई अता-पता है और न ही पठन-पाठन की कोई व्यवस्था. विद्यालय में कार्यरत लगभग 15 शिक्षक और कर्मचारी वर्ष 2013 से ही वेतन के लिए त्राही-त्राही कर रहे हैं. शिक्षकों ने जिले के वरीय अधिकारियों से गुहार लगायी है और अपनी आपबीती साझा की है.
शिक्षकों का आरोप-प्राचार्या के आने के बाद बंद हुआ वेतन
चार अप्रैल 2024 से विद्यालय पर लटका है ताला, बंद है शिक्षण कार्य
चार अप्रैल 2024 से विद्यालय में ताला बंद है और प्राचार्या भी लापता हैं. जो अभिभावक अपने बच्चों के नामांकन के लिए आते हैं, उन्हें निराश लौटना पड़ता है. विद्यालय में 15 अगस्त और 26 जनवरी जैसे राष्ट्रीय पर्वों पर भी कोई कार्यक्रम आयोजित नहीं किया गया, न ही झंडोत्तोलन हुआ. वर्ष 2023 में लगभग 575 छात्राओं का नामांकन हुआ था, लेकिन उन्हें भी पठन-पाठन में भारी कठिनाइयों का सामना करना पड़ा. शिक्षकों के अनुसार, वर्ष 2015 से 2021 तक विद्यालय को अनुदान मद में लगभग 27 लाख रुपये प्राप्त हुए, लेकिन उसका कोई सार्वजनिक हिसाब नहीं दिया गया. किसी भी शिक्षक या कर्मी को एक भी रुपया नहीं मिला. शिक्षकों ने बताया कि अनुदान राशि बिहार बोर्ड से इलाहाबाद बैंक के खाते में आती है. उन्होंने प्राचार्या के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की मांग की है.
स्कूल का कोड पहले रद्द हुआ, फिर बहाल
कोई गबन नहीं हुआ है, जल्द खुलेगा विद्यालय
स्कूल का कोड रद्द हो गया था और मेरे पति की तबियत बहुत खराब है, इसलिए मैं अस्पताल में थी. 14-15 तारीख से स्कूल फिर से खुलेगा. किसी तरह का कोई गबन नहीं किया गया है. सारे आरोप गलत हैं. स्कूल खुलने के बाद सभी सवालों का जवाब दे दिया जायेगा.
प्राचार्या, जनक यादव बालिका उवि, छपरा
शिकायत मिलने पर होगी जांच
विद्यानंद ठाकुर
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