छपरा. नगर निगम के जनप्रतिनिधि और अधिकारी आम जनता के प्रति कितने संवेदनशील है इसका अंदाजा वार्ड नंबर एक में 40 दिनों से बंद पेयजल आपूर्ति व्यवस्था से लगाया जा सकता है. इस प्रचंड गर्मी में नगर निगम हजारों लोगों को बिना पानी के ही मार रहा है. मुहल्ले में जाने के बाद लोग बोलते हैं कि जनप्रतिनिधियों और अधिकारियों की आंखों का पानी ही मर चुका है, जो पूछने तक अभी तक नहीं आये. भ्रष्टाचार के आकंठ में डूबे नगर निगम की कार्यशैली का खुलासा मंगलवार को हो गया जब एक लिपिक को विजिलेंस ने घूस लेते दबोच लिया. ऐसे में जहां घूस पर ही सब काम होता है उससे लोगों ने उम्मीदें छोड़ दी हैं. यहां आश्वासन के नाम पर किसी कर्मी या टीम को भेज कर खानापूर्ति कर दे रहे हैं, लेकिन आज तक पेयजल आपूर्ति बहाल नहीं हो पायी है.
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