परसा. मुख्यमंत्री ड्रीम प्रोजेक्ट के तहत चलायी जा रही नल-जल योजना बिहार सरकार की एक महत्वाकांक्षी योजना है, जिसका उद्देश्य राज्य के हर घर तक शुद्ध पेयजल पहुंचाना है. लेकिन नगर पंचायत परसा बाजार के वार्ड संख्या-2, चेतन परसा सर्किट हाउस परिसर स्थित जल मीनार इस योजना की विफलता और प्रशासनिक लापरवाही का जीता-जागता उदाहरण बन गया है.
2018 में नगर पंचायत को सौंपा गया जलमीनार, अब तक नहीं हुई आपूर्ति शुरू
वर्ष 2018 में जल मीनार को पीएचइडी विभाग ने नगर पंचायत परसा बाजार को हस्तांतरित कर दिया, लेकिन आज तक इससे एक बूंद भी पानी लोगों को नहीं मिल सका है. स्थिति यह है कि जल मीनार अब पूरी तरह जर्जर हो चुका है. परिसर का गेट टूटा हुआ है, ताले जंग खा चुके हैं और आवश्यक उपकरण भी गायब हैं. इस गंभीर मामले पर नगरवासियों में गहरी नाराजगी देखी जा रही है. योजना पर अब तक लाखों रुपये खर्च किये जा चुके हैं, लेकिन आज भी स्थानीय लोग स्वच्छ पेयजल से वंचित हैं. प्रशासन और विभाग के बीच की जिम्मेदारी टालने की प्रवृत्ति ने इस योजना को ठंडे बस्ते में डाल दिया है.
विभाग से बहुत बार किया गया है पत्राचार
रजनीश कुमार, कार्यपालक पदाधिकारी, परसा
जल्द ही कार्य किया जायेगा
जल मीनार से जुड़ी समस्या से संबंधित पत्राचार किया गया है. जल्द ही इस पर कार्य कर चालू कराया जायेगा. ताकि लोगों को शुद्ध पेजल मुहैया कराया जा सके.
इस समस्या पर नगर प्रशासन को ध्यान देना चाहिए
काफी तेजी से जल मीनार तो तैयार किया गया. लेकिन आज तक इससे शुद्ध रूप से किसी को जल उपलब्ध नहीं कराया गया. जिससे नगर में काफी नाराजगी है.
मो फिरोज
अताउल्लाह अंसारी
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