मेडिकल बोर्ड ने किया इनकार
सदर अस्पताल, सासाराम पहुंचने के बाद, अस्पताल के उपाधीक्षक डॉ. बीके पुष्कर के नेतृत्व में एक मेडिकल बोर्ड गठित किया गया. बोर्ड ने स्पष्ट किया कि इतनी मात्रा में जले हुए अवशेषों पर पोस्टमार्टम संभव नहीं है. ऐसे में शव को विशेष पोस्टमार्टम के लिए पटना स्थित पीएमसीएच भेजा गया. यह निर्णय इस बात को और गंभीर बनाता है कि मामला केवल आत्महत्या का नहीं बल्कि गहन जांच योग्य अपराध हो सकता है.
देवरानी से हुआ था झगड़ा
प्रारंभिक जानकारी के अनुसार, सुशीला देवी का उसकी देवरानी से पारिवारिक विवाद हुआ था. इसी विवाद के बाद उसने कथित रूप से फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली. लेकिन परिजनों ने इस घटना की सूचना मृतका के मायके वालों को नहीं दी और बिना पुलिस को सूचित किए चुपचाप अंतिम संस्कार की कोशिश की. इस स्थिति ने संदेह को और गहरा कर दिया है.
मायके वालों की आपत्ति
मृतका के भाई ज्ञानी चौधरी ने बताया कि गांव से उन्हें सूचना मिली कि उनकी बहन की मौत हो चुकी है. जब वे गांव पहुंचे तो देखा कि अंतिम संस्कार हो रहा है. उन्होंने तत्काल पुलिस को सूचित किया, जिसके बाद पुलिस ने कार्रवाई करते हुए शव को कब्जे में लिया. पुलिस कई एंगल से मामले की जांच कर रही है. महिला के चार बच्चे—एक बेटा और तीन बेटियां हैं—जो अब मां की मौत के बाद असहाय हो गए हैं.
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