Sasaram News : जिले में 84 धर्मकांटा हैं पंजीकृत, सैकड़ों चल रहे अवैध

धर्मकांटा की आड़ में बालू, कोयला, रॉड, अनाज का हो रहा है अवैध कारोबार

By PANCHDEV KUMAR | April 10, 2025 9:31 PM
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सासाराम सदर. जिले में धर्मकांटा का चलन जोरों पर है. डेहरी से लेकर खुर्माबाद, डेहरी से नासरीगंज, बिक्रमगंज, सासाराम से कोचस के अलावा लगभग मुख्य पथों पर सैकड़ों धर्म कांटा संचालित है. माप तौल विभाग के पिछले साल के आंकड़ों के अनुसार, 10 अक्त्तूबर 2024 तक जिले में 84 धर्म कांटा का ही पंजीयन हो सका है. लेकिन, करीब 200 से अधिक धर्मकांटा संचालित है. ऐसे में सैकड़ों धर्म कांटा अवैध रूप से चल रहे हैं. इससे माप तौल विभाग अनजान है. यह तो सिर्फ एक झांकी है. जिले के लगभग धर्मकांटा सिर्फ माप तौल पर ही निर्भर नहीं है. बल्कि इन धर्मकांटाओं के आड़ में कई अवैध कारोबार फल-फूल रहे हैं. डेहरी से खुर्माबाद तक सड़क किनारे स्थित धर्मकांटा पर बालू डंप कर अवैध रुप से बिक्री की जाती है. धर्मकांटा संचालक झारखंड से उत्तर प्रदेश कायला लेकर जाने वाले ट्रकों से कोयला कोयला खरीद उसके वजन की भरपाई के लिए पानी डालते हैं. यही नहीं, ट्रेनों से भी कोयला की चोरी कर इन्ही धर्मकाटाओं पर कम दामों पर बेची जाती है. जहां से स्टॉक कर दूसरे प्रदेशों में सप्लाइ की जाती है. इसके अलावा संचालक ट्रक चालकों से लोहे का रॉड, गेहूं, सरसों, चावल आदि अनाजों की भी कम दामों पर खरीदारी करते है और उसी अनाज को बाजारों में बेच मोटी रकम कमाते हैं. अवैध कारोबार से राजस्व का हो रहा नुकसान धर्मकांटा पर कई तरह के चल रहे अवैध कारोबार के कारण सरकार के राजस्व का भारी नुकसान हो रहा है. लोकल स्टेशन के आउटरों पर जैसे ही कोयला लदे वाहन खड़े होते हैं. इस कारोबार में जुड़े लोग भारी मात्रा में कोयला उतार देते हैं. इसको किसी वाहन के माध्यम से इन धर्मकाटाओं पर पहुंचाया जाता है. लोकल ट्रक बालू घाटों से रात में ओवरलोड बालू लेकर निकलते है. जिसको नजदीकी धर्मकाटाओं पर ट्रक से बालू की कटिंग कर डंप किया जाता है और उसे स्थानीय इलाकों में ट्रैक्टर से भेजा जाता है. धर्मकांटा संचालक गेहूं, चावल, रॉड तो दूर मिट्टी तक की अवैध रूप से खरीदारी कर उसे मार्केट में ऊंचे दामों पर बेचा जाता है. सड़क पर हो रहे अवैध कारोबार से अनजान है अधिकारी: धर्मकांटा के आड़ में हो रहे इस अवैध धंधे से अधिकारी अनजान हैं. जिले के वरीय अधिकारियों का इसी रास्ते से आना जाना होता है. विभागीय अधिकारी भी अक्सर घुमते रहते हैं. लेकिन, इस कारोबार को नजरअंदाज कर चलते बनते हैं. कहते है माप तौल पदाधिकारी इस संबंध में मापतौल पदाधिकारी शशांक कुमार ने बताया कि वर्तमान समय में करीब एक सौ बीस पंजीकृत धर्मकांटा चल रहा है. जहां से नियमित चालान भरा जा रहा है. हमलोगों का काम है रजिस्ट्रेशन देना अब धर्मकांटा संचालक वहां क्या कर रहे हैं. विभाग को इससे कोई लेना देना नही है. कहते हैं खनन पदाधिकारी जिला खान एवं भूतत्व सहायक पदाधिकारी अनिल कुमार ने बताया कि अवैध बालू के खिलाफ लगातार कार्रवाई की जा रही है. कुछ दिन पूर्व माप-तौल से पंजीकृत धर्मकांटा की सूची मांग उन्हें चिह्नित किया गया था. कई जगहों पर कार्रवाई भी की गयी है. माप-तौल विभाग अगर रजिस्ट्रेशन दे रहा है, तो उसे इन धर्मकाटाओं की स्थिति पर निगरानी रखनी चाहिए.

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