अकबरपुर ़ शनिवार को गुमनामी में खोये रोहतास अकबरपुर के महान चार क्रांतिकारियों को स्थानीय नगर पंचायत सभागार में पहली बार श्रद्धांजलि दी गयी. इस संबंध में नगर पंचायत अध्यक्ष सुम्बूल आरा नेयाजी ने बताया कि प्रथम स्वतंत्रता आंदोलन में कैमूर के तराई क्षेत्र के लोगों ने अपनी आहुति दी थी, जिसमें सरनाम सिंह, दिलावर खान, भिखारी रजवार, छोटु दुसाध जैसे लोगों का नाम शामिल है. लेकिन, यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि नयी पीढ़ी उन्हें जानती तक नहीं, उन्हीं वीर क्रांतिकारियों के सम्मान में शनिवार को श्रद्धांजलि सभा आयोजित की गयी. इसमें सभी जनप्रतिनिधि, सामाजिक कार्यकर्ता और राजनीतिक दल शामिल हुए. इस अवसर पर मुख्य पार्षद प्रतिनिधि तोराब नियाजी ने संबोधित करते हुए कहा कि 1857 की क्रांति में अपने प्राणों की आहुति देने वाले हमारे प्रखंड क्षेत्र के इन चारों अमर शहीदों का नाम इतिहास के पन्ने में मजबूती से दर्ज होना चाहिए. साथ ही उन्होंने सभी लोगों से अनुरोध किया कि नगर पंचायत की मुख्य पार्षद इन चारों अमर शहीदों के नाम पर नगर अंतर्गत सड़कों व सरकारी भवन का नामकरण करें, ताकि भविष्य में भी इन अमर शहीदों का नाम जिंदा रहे, और आने वाली पीढ़ी इनके बारे में जान सकें. # इन शहीदों में से एक दिलावर खान जो अकबरपुर के ही निवासी थे, उनके खानदान से आये एहतेशाम युनुस खान को सम्मानित किया गया. श्री खान ने लोगों को बताया कि जब शहीद वीर कुंवर सिंह अंग्रेजों के खिलाफ मोर्चा खोला था, तो पुलिसिया दबिश की वजह से वह सासाराम अपने मुंह बोली बहन हाजी बेगम के घर पहुंची, यहां से उन्हें वह अपने भाई अकबरपुर दिलावर खान के यहां भेज दी, जहां लगभग वह दो सप्ताह ठहरे और दिलावर खान उनकी क्रांतिकारी अभियान में शामिल हुए और एक सच्चे योद्धा के तौर पर अपने साथ सरनाम सिंह, छोटू दुसाध, भिखारी रजवार को जोड़ा, जो सभी इसी शाहाबाद रेंज के रोहतास प्रखंड में रहा करते थे. इसमें से क्रांतिकारी सरनाम सिंह को 19 जुलाई 1858 को गोलियों से अंग्रेजों ने भून डाला, उसी के इर्द-गिर्द दिलावर खान को सासाराम फांसी घर में फांसी दी गयी और बाकियों को भी गोली से मार दिया गया. इस अवसर पर अखिलेश सिंह, मिस्बाह खान, राम बहादुर आजाद, एहतेशाम युनुस, बनन यादव, कमलेश कुमार, मीर नौशाद, विशाल देव, संजय पासवान आदि लोग मौजूद थे.
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