रीगा. थाना क्षेत्र के सोनार गांव में एक विवाहिता की मौत के मामले में एक दिलचस्प वाक्या सामने आया है. जहां एक भाई ने अपनी बहन की हत्या का आरोप लगाते हुए ससुराल वालों पर प्राथमिकी दर्ज कराने के बाद अपने बयान से मुकर गये. हालांकि स्थानीय पुलिस ने मामले को गंभीरता से लेते हुए आरोपित सास व पति को थाना लेकर पहुंची. लेकिन बाद में आवेदक कैलाश साह ने एक नया आवेदन देकर कहा कि वह किसी के बहकावे व उत्तेजना में आकर गलत बयान दिया है. उसे अपनी बहन के ससुराल वालों से कोई शिकायत नही है .–क्या है मामला थाना क्षेत्र के सोनार गांव निवासी सत्येंद्र कुमार साह की पत्नी हेमा कुमारी की मौत हो जाने के मामले में मृतिका के भाई कैलाश साह के बयान पर थाना में प्राथमिकी दर्ज की गई. आवेदन में लिखा है कि वह नेपाल के सरलाही जिला के रामबन गांव का निवासी हूं. अपने बहन की शादी 8 वर्ष पूर्व सोनार गांव निवासी बैद्यनाथ साह के पुत्र सत्येंद्र कुमार के साथ धूमधाम से किया था. शादी में लगभग 20 लाख रुपए दहेज एवं अन्य कार्य में खर्च किए. कुछ दिनों तक मेरी बहन ठीक-ठाक रही. उससे दो पुत्र और दो पुत्री भी जन्म लिया. उसके बाद हेमा के पति सत्येंद्र कुमार, ससुर बैद्यनाथ साह, देवर हरिश्चंद्र साह, जितेंद्र साह, सास सोमारी देवी व रानी देवी सभी प्रताड़ित करने लगे. प्रताड़ना से तंग होकर उनकी बहन ने फोन कर जानकारी दी. सूचना पर नेपाल से आकर बहन को बुलाकर ले जाने का प्रयास किया. लेकिन परिवार के लोग उसे जाने नहीं दिया. इधर हेमा के पति सत्येंद्र ने फोन किया कि मुझे करंट लग गया है, मेरी तबीयत ज्यादा खराब है. यह सुनकर सत्येंद्र को देखने सोनार पहुंचा तो देखा उनकी बहन हेमा आंगन में मृत पड़ी थी. इसकी सूचना स्थानीय थाना को दिया गया. स्थानीय थाना पहुंचकर पति सत्येंद्र कुमार एवं उसके मां सोमारी देवी को लेकर थाना पहुंची. शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया. बोले अधिकारी आवेदक अपने बयान से मुकर कर एक नया आवेदन देकर लगाये गये आरोप को झूठा बताया है. आवेदक का कहना है कि वह बहकावे में आकर प्राथमिकी दर्ज कराया है. हालांकि शव का पोस्टमार्टम व एफएसएल की टीम ने जांच की है. रिपोर्ट आने के बाद अगर हत्या से संबंधित साक्ष्य मिलता है तो आरोपितों पर नियमानुकूल कार्रवाई की जायेगी. हालांकि प्रथम दृष्टया यह आत्म्हत्या का मामला लगता है. अभिषेक त्रिपाठी, थानाध्यक्ष
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