मैरवा. स्वच्छ भारत मिशन के तहत मैरवा नगर पंचायत में सामुदायिक शौचालयों का निर्माण किया गया है. सरकार का मकसद था कि शौचालय बनेंगे तो जिनके पास सुविधा नहीं है वह लोग इनका उपयोग कर सकेंगे. इसके लिए भारी-भरकम धनराशि खर्च कर शौचालयों का निर्माण कराया गया था. इनमें महिला व पुरुष के लिए अलग-अलग व्यवस्था की गयी थी. इसके बाद भी जिम्मेदारों की उपेक्षा से शौचालय लोगों के लिए सार्थक नहीं हो रहा. सामुदायिक शौचालयों में ताले लटके रहते हैं. नगर पंचायत के वार्ड 3 के स्टेशन रोड और मैरवा धाम हरिराम बाबा मंदिर के पोखरे के समीप बने सामुदायिक शौचालय वर्ष 2020 में उद्घाटन के बाद कुछ दिनों तक चालू रहा. लेकिन, उसके बाद उसमें ताला लटका दिया गया. वहीं मझौली चौक मछली हाटा में बना सामुदायिक शौचालय चालू है. लेकिन, गंदगी का अंबार लगा हुआ है. इसमें लोग जाने से कतराते हैं. बाजार में छोटे व अस्थायी व्यापारी, दैनिक मजदूर, आम यात्रियों और बाजार आने वाले दूर-दराज के लोगों को सार्वजनिक शौचालय की सुविधा नहीं रहने से परेशान होना पड़ता है. सार्वजनिक शौचालय की बदहाली दूर करने को लेकर नगर पंचायत प्रशासन उदासीन बना है. आये दिन लोगों को परेशानी से जूझना पड़ता है. नगर पंचायत में वर्ष 2020 में चार सामुदायिक शौचालय बनाने का प्रस्ताव था. लेकिन तीन ही सामुदायिक शौचालय का निर्माण कार्य हो पाया था. इसकी देखरेख की व्यवस्था नहीं की गयी, नतीजा उद्घाटन के पांच साल बाद भी सामुदायिक शौचालय में ताला लटका हुआ है. लगभग 9 लाख की लागत से बने तीन सामुदायिक शौचालय धूल फांक रहे हैं. इस संबंध में उप चेयरमैन शमीना खातून ने कहा कि जल्द ही सामुदायिक शौचालयों को चालू कराया जायेगा.
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