Home बिहार सिवान शहीद रामबाबू को लोगों ने दी अंतिम विदाई

शहीद रामबाबू को लोगों ने दी अंतिम विदाई

0
शहीद रामबाबू को लोगों ने दी अंतिम विदाई

संवाददाता,सीवान.बुधवार को शहीद रामबाबू सिंह का बड़हरिया प्रखंड के वसिलपुर में राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया.शहीद के अंतिम दर्शन के लिये जनसैलाब उमड़ पड़ा.अपने लाल को विदाई देने गांव सहित आसपास के हजारों की तदाद में पहुंचे लोगों में से हर किसी आंखे नम थी.हर किसी को रामबाबू के बहादुरी पर जहां फक्र था, वहीं उन्हें खाेने का गम भी साफ दिख रहा था.जनप्रतिनिधियों व अफसरों सहित अन्य लोगों ने शहीद के पार्थिव शरीर पर पुष्प गुच्छ समर्पित कर अपनी श्रद्धांजलि दी. पटना से सड़क मार्ग से गांव पहुंचा शहीद का शव रामबाबू का शव सुबह दस बजे दिल्ली से विशेष विमान से पटना एयरपोर्ट पर पहुंचा.इस दौरान इनके साथ ही सांसद विजय लक्ष्मी देवी व पूर्व विधायक रमेश सिंह कुशवाहा रहे.यहां राजकीय सम्मान की प्रक्रिया पूर्ण हाेने के बाद दिन के साढ़े ग्यारह बजे सड़क मार्ग से पैतृक गांव वसिलपुर के लिये रवाना हुआ. अंतिम यात्रा को लेकर तैयारी का डीएम व एसपी ने लिया जायजा अंत्येष्टि स्थल पर उमड़नेवाली भीड़ को देखते हुए सभी किये गये आवश्यक इंतजाम का सुबह डीएम मुकुल कुमार गुप्ता व एसपी अमितेश कुमार ने जायजा लिया.इस दौरान गॉड ऑनर स्थल व अंत्येष्टि स्थल की व्यवस्था व भीड़ को नियंत्रित करने के लिये किये गये इंतजाम को जाना तथा आवश्यक निर्देश दिये.शवयात्रा वाले मार्ग पर मौजूद गड्ढों को दुरूस्त करने के साथ ही लोगों के बैठने की भी व्यवस्था की गयी थी. शहीद के दरवाजे पर लोगों ने किया अंतिम दर्शन शहीद रामबाबू का शव जब गांव पहुंचा तो हर तरफ रामबाबु अमर रहें, भारत माता की जय,पाकिस्तान मुर्दाबाद के नारे से हर गलियां गूंजने लगी.नौजवानों के चेहरे पर पाकिस्तान के खिलाफ साफ गुस्सा नजर आ रहा था.यहां शहीद के दरवाजे पर ताबुत रखते ही यहां मौजूद महिलायें दहाड़ मारकर रोने लगी. पुष्पचक्र अर्पित कर जनप्रतिनिधियों व अफसरों ने अपनी श्रद्धांजलि अर्पित की.जिसमें सांसद विजय लक्ष्मी देवी, जिला परिषद अध्यक्ष संगीता देवी, विधायक कर्णजीत सिंह, अमरजीत कुशवाहा, विनोद जायसवाल, डीएम मुकुल कुमार गुप्ता, एसपी अमितेश कुमार, पूर्व विधायक रमेश सिंह कुशवाहा, हेमनरायण साह, जदयू जिलाध्यक्ष चंद्रकेतु सिंह, लोजपा जिलाध्यक्ष महादेव पासवान, पूर्व विधायक अमरनाथ यादव,राजद नेता डा.अशरफ अली, रिजवान अहमद समेत विभिन्न दलों के नेता व कार्यकर्ता समेत पंचायतों के प्रतिनिधि मौजूद रहे.यहां सेना के जवानों ने सशस्त्र सलामी दी. शहीद के पत्नी व मां के विलाप से गमगीन रहा माहौल रामबाबू के ताबूत में रखे पार्थिव शरीर पर विलाप करती पत्नी अंजली सिंह व मां सुमित्रा देवी को देख हर किसी की आंखे नम हो गयी.अपने आंसुओं को पोछते हुए बार बार शहीद के बड़े भाई अखिलेश अपनी मां को संभालते रहे.उधर पत्नी अंजली को उसकी मां ढाढस बंधा रही थी.पर अपने बेटे को खाेने के गम में टूट चुकी मां सुमित्रा आखिर किसकी सुनें.अपने बेटे का नाम लेकर बार बार वह अचेत हो जा रही थी.किसी तरह अन्य महिलाओं के मदद से अंजली व सुमित्रा को संभाला जा सका. पत्नी के इच्छा पर उसके कमरे तक ले जाया गया शव सेना के अधिकारियों ने दरवाजे पर रखे शव को अंत्येष्टि स्थल तक ले जाने के पूर्व पत्नी अंजली सिंह से उसकी अंतिम इच्छा पूछा.इस पर अंजली पार्थिव शरीर को अपने कमरे तक ले जाने का आग्रह की.यह सुन फौरन सेना के जवानों ने कंधा देकर पार्थिव शरीर को उनके कमरे तक ले गये.जहां तकरीबन आधे घंटे तक परिजनों के बीच बंद कमरे में बहादुर रामबाबू का पार्थिव शरीर रखा रहा. लंबे काफिला के साथ निकली शवयात्रा स्व.रामविचार सिंह के पुत्र रामबाबु की शहादत के बाद दरवाजे से शव यात्रा अंत्येष्टि स्थल तक पहुंची.यह अंत्येष्टी के लिये सारे इंतजाम मुख्य मार्ग से गांव में प्रवेश करनेवाले तिराहे पर किया गया था.यहां पहले से हजारों की संख्या में लोग अंत्येष्टी में हिस्सा लेने के लिये मौजूद थे.जिसमें खास बात यह थी कि महिलाओं की भी अच्छी खासी संख्या थी.आसपास के पेड़ों पर चढ़कर अपने रामबाबू के दर्शन की बेताबी युवाओं में खुब दिखी.घर से अंत्येष्टि स्थल तक बने कारवां का क्रम काफी देर तक टूट नहीं पाया.हर कोई पैदल ही अंत्येष्टि स्थल पर बढ़े जा रहे थे.जिसमें आम से लेकर खास तक शामिल रहे. अंतिम सलामी के साथ दी गयी मुखाग्नि अत्येष्टि के पूर्व यहां भी लोगों ने शहीद रामबाबू का अंतिम दर्शन किया.यहां प्रदेश सरकार के मंत्री कृष्ण कुमार उर्फ मंटू सिंह, कांग्रेस पार्टी के राज्यसभा सदस्य इमरान प्रतापगढ़ी, विधानसभा के पूर्व अध्यक्ष अवध बिहारी चौधरी, पूर्व विधायक अमरनाथ यादव समेत अन्य नेताओं व पंचायत समितियों के प्रतिनिधि ने भी अपनी श्रद्धांजलि अर्पित की.इसके पश्चात सेना के जवान ने अपने शहीद साथी को सशस्त्र सलामी दी.इसके बाद रामबाबू को मुखाग्नि उनके बड़े भाई अखिलेश सिंह ने दी.इस दौरान पूरा अंत्येष्टि स्थल एक बार फिर रामबाबू अमर रहे व भारत माता की जय के नारों से गुंजायमान हो उठा.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

ऐप पर पढें
होम आप का शहर
News Snap News Reel
Exit mobile version