सीवान. दरौंदा कृषि फार्म परिसर में बिहार राज्य बीज निगम द्वारा संचालित सीड प्रोसेसिंग प्लांट पर शनिवार को गेहूं के बीज जमा करने पहुंचे किसानों को काफी असुविधा का सामना करना पड़ा. निर्धारित तिथि के अंतिम दिन किसानों ने बीज लेकर प्लांट पर पहुंचे, लेकिन दोपहर तक बीज उतारने के लिए पलदार (मजदूर) की व्यवस्था न होने के कारण गेहूं का बीज नहीं उतारा जा सका. इससे नाराज़ होकर किसानों ने कृषि विभाग के खिलाफ प्रदर्शन किया. बताया गया कि दरौंदा, जीरादेई, रघुनाथपुर, सिसवन सहित विभिन्न प्रखंडों से बड़ी संख्या में चयनित किसान बीज लेकर गाड़ियों से पहुंचे थे. किसानों ने बताया कि पहले तो बीज रखने की जगह नहीं होने की बात कही गई और फिर बीज उतारने के लिए कोई भी मजदूर मौके पर उपलब्ध नहीं था. करसौत पंचायत के पूर्व पैक्स अध्यक्ष सुशील कुमार सिंह के नेतृत्व में किसानों ने प्रदर्शन करते हुए विभागीय लापरवाही पर नाराजगी जतायी. करसौत के किसान अनूप कुमार सिंह ने कहा कि सरकार के सहयोग से बीज उत्पादन किया गया है, लेकिन अंतिम दिन ऐसी अव्यवस्था से किसानों को काफी परेशानी हुई. किसानों के आक्रोश और बार-बार शिकायत के बाद प्रखंड कृषि पदाधिकारी विक्रमा मांझी ने हस्तक्षेप कर दोपहर के बाद पलदार की व्यवस्था कराई, जिसके बाद गेहूं का बीज उतारने की प्रक्रिया शुरू हो सकी. पदाधिकारी ने कहा कि प्रारंभिक अव्यवस्था से समस्या हुई थी, लेकिन अब स्थिति सामान्य है और किसानों का बीज लिया जा रहा है. गौरतलब है कि इस वर्ष जिले में पहली बार प्रमाणित गेहूं बीज के उत्पादन को लेकर कृषि विभाग द्वारा 915 चयनित किसानों को 600 हेक्टेयर भूमि पर बीज उत्पादन के लिए प्रेरित किया गया था. किसानों से प्राप्त बीज को 2967 प्रभेद के तहत प्रोसेसिंग के लिए दरौंदा कृषि फार्म परिसर में एकत्र किया जा रहा है. बीज के रूप में उत्पादित गेहूं की कीमत किसानों को 3152 प्रति क्विंटल के हिसाब से दी जा रही है. बिहार राज्य बीज निगम के अनुसार, दरौंदा स्थित कृषि फार्म में लगभग 600 क्विंटल बीज की बुआई की गई थी. जिससे करीब 21,000 क्विंटल प्रमाणित गेहूं बीज तैयार करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है. इस बीज की आपूर्ति न केवल सीवान जिले, बल्कि अन्य जिलों में भी की जाएगी.
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