डायलिसिस के दौरान खून बर्बाद होने पर हंगामा

शुक्रवार की रात सदर अस्पताल के डायलिसिस सेंटर में पैरामेडिकल स्टॉफ की लापरवाही से डायलिसिस के दौरान एक महिला मरीज का काफी मात्रा में ब्लड बर्बाद हो गया.मरीज ने जब परिजनों से शिकायत किया कि उसके कपड़े एवं बेड सीट ब्लड से भींग गये है तब डायलिसिस सेंटर के स्वास्थ्यकर्मियों ने डायलिसिस करना बंद किया.इसके बाद डायलिसिस सेंटर में में परिजनों ने जमकर हंगामा किया.

By DEEPAK MISHRA | June 7, 2025 9:32 PM
an image

प्रतिनिधि,सीवान. शुक्रवार की रात सदर अस्पताल के डायलिसिस सेंटर में पैरामेडिकल स्टॉफ की लापरवाही से डायलिसिस के दौरान एक महिला मरीज का काफी मात्रा में ब्लड बर्बाद हो गया.मरीज ने जब परिजनों से शिकायत किया कि उसके कपड़े एवं बेड सीट ब्लड से भींग गये है तब डायलिसिस सेंटर के स्वास्थ्यकर्मियों ने डायलिसिस करना बंद किया.इसके बाद डायलिसिस सेंटर में में परिजनों ने जमकर हंगामा किया. सूचना मिलने पर शुक्रवार की रात्रि लगभग पौने नौ बजे अस्पताल प्रबंधक कमलजीत कुमार डायलिसिस सेंटर पहुंचे एवं बीच बचाव कर मामले को शांत कराया.संस्था की प्रबंधक अर्चना का कहना था कि पैरामेडिकल स्टॉफ की लापरवाही है लेकिन अधिक ब्लड प्रेशर के कारण ऐसा हुआ है.महिला मरीज के परिजनों ने बताया कि डायलिसिस के पहले हीमोग्लोबिन 7.5 था.डायलिसिस के बाद 5.5 हो गया.शनिवार को अपराह्न 3 बजे डायलिसिस सेंटर के कर्मियों ने ब्लड चढ़ाने के लिए मरीज को बुलाया. बिना डॉक्टर के एक साथ लगभग 13 मरीजों का होता है डायलिसिस मरीजों के परिजनों का आरोप है कि बिना डॉक्टर की उपस्थिति में मरीजों का डायलिसिस किया जाता है.शुक्रवार को जब बिंदुसार गांव की महिला नूरतारा खातून के साथ घटना हुई.उस समय भी कोई डॉक्टर नहीं था.परिजनों का आरोप है किया कभी कभी सुबह में एक महिला सामान्य एमबीबीएस डॉक्टर आती है.कुछ समय बाद डायलिसिस सेंटर को पैरामेडिकल स्टॉफ के भरोसे छोड़कर चली जाती है.डायलिसिस मशीनें तकनीशियन चलाते हैं और प्रक्रिया को तकनीकी रूप से संभालते हैं, लेकिन पूरे इलाज की निगरानी और निर्णय लेने का अधिकार विशेष रूप से नेफ्रोलॉजिस्ट डॉक्टर के पास होता है.शनिवार को प्रभात खबर की टीम जब डायलिसिस सेंटर पहुंची तो बिना किसी डॉक्टर की उपस्थिति में मरीजों का डायलिसिस किया जा था था.कर्मचारियों द्वारा बताया गया कि डॉक्टर आज छुट्टी पर हैं.विशेष परिस्थिति के लिए सदर अस्पताल का आपात कक्ष तो है ही. डायलिसिस के दौरान नेफ्रोलॉजिस्ट डॉक्टर की भूमिका डायलिसिस सेंटर के नेफ्रोलॉजिस्ट डॉक्टर मरीज के हालात के अनुसार तय करते हैं कि हेमोडायलिसिस एवं पेरिटोनियल डायलिसिस में कौन सा डायलिसिस करना है.डॉक्टर ब्लड प्रेशर, यूरिया, क्रिएटिनिन, इलेक्ट्रोलाइट्स आदि की रिपोर्ट देखकर यह तय करते हैं कि डायलिसिस कब और कितनी बार करनी है.डॉक्टर डायलिसिस की योजना बनाते है कि कितनी मात्रा में फ्लूड निकाली जाए,कौन-कौन से मेडिकेशन डायलिसिस के दौरान या बाद में दिए जाएं तथा डायलिसिस की अवधि कितनी हो.डायलिसिस के दौरान आने वाले जटिलताओं,बीपी गिरना,मितली, उलटी,मांसपेशियों में ऐंठन,रक्तस्राव जैसे होने वाले जटिलताओं के मामलों में डॉक्टर तुरंत इलाज का निर्णय लेते हैं.डॉक्टर डायलिसिस के बाद मरीज की दवा, डाइट और अगले सेशन की योजना तय करते हैं.अगर मरीज को किडनी ट्रांसप्लांट की ज़रूरत हो, तो उसका भी मूल्यांकन करना हैं. क्या कहते है जिम्मेदार डायलिसिस के दौरान एक महिला मरीज का कुछ ब्लड नुकसान हुआ.लेकिन उससे मरीज को कोई परेशानी नहीं है.आज डॉक्टर छुट्टी पर हैं.डायलिसिस हो रहा है.डायलिसिस के दौरान डॉक्टर का रहना जरूरी नहीं है.परेशानी होने पर सदर अस्पताल के आपात कक्ष के डॉक्टर मदद लेते हैं.नेफ्रोलॉजिस्ट डॉक्टर महीने में एक बार आती है. मुकुल कुमार,ऑडिटर, नेफ्रोप्लस डायलिसिस क्लिनिक,सदर अस्पताल,सीवान

संबंधित खबर और खबरें

यहां सीवान न्यूज़ (Siwan News) , सीवान हिंदी समाचार (Siwan News in Hindi), ताज़ा सीवान समाचार (Latest Siwan Samachar), सीवान पॉलिटिक्स न्यूज़ (Siwan Politics News), सीवान एजुकेशन न्यूज़ (Siwan Education News), सीवान मौसम न्यूज़ (Siwan Weather News) और सीवान क्षेत्र की हर छोटी और बड़ी खबर पढ़े सिर्फ प्रभात खबर पर .

होम E-Paper News Snaps News reels
Exit mobile version