श्रीश्री रविशंकर आज पूर्णिया में सिखायेंगे जीवन जीने की कला, आध्यात्मिक प्रवचन व होगा ध्यान सत्र

पूर्णिया: जिला मुख्यालय का रंगभूमि मैदान शनिवार को ऐतिहासिक पलों का साक्षी बनेगा. इस दिन आध्यात्मिक गुरु ‘गुरुदेव श्री श्री रवि शंकर’ के सान्निध्य में महासत्संग होने वाला है.

By Prashant Tiwari | March 8, 2025 5:55 AM
an image

पूर्णिया. आर्ट ऑफ लिविंग के संस्थापक आध्यात्मिक गुरु श्रीश्री रविशंकर आज पूर्णिया के ऐतिहासिक रंगभूमि मैदान में लोगों को जीवन जीने की कला का ज्ञान देंगे. इस दौरान आयोजित महा सत्संग में गुरुदेव अपने अमृत वचनों से पूर्णिया वासियों को आध्यात्मिक प्रेरणा देंगे और दिव्य आध्यात्मिक अनुभूति कराएंगे. आयोजकों ने इस आयोजन में बड़ी संख्या में लोगों के भाग लेने संभावना को देखते हुए पूरी तैयारियां की हैं. निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार महासत्संग में शामिल होने के लिए गुरुदेव श्रीश्री रविशंकर आज शाम 5 बजे पूर्णिया पहुंचेंगे और उसके कुछ ही देर बाद महासत्संग स्थल पर आयेंगे. वे शनिवार की रात पूर्णिया में ही विश्राम करेंगे और अगले दिन रविवार को सरसी पहुंचकर वे हनुमान मंदिर परिसर स्थित आर्ट ऑफ लिविंग के आश्रम में स्किल सेंटर का उद्घाटन करेंगे. इसके बाद वे भागलपुर के लिए रवाना हो जाएंगे.

ऐतिहासिक पलों का साक्षी बनेगा पूर्णिया का रंगभूमि मैदान

जिला मुख्यालय का रंगभूमि मैदान शनिवार आठ मार्च को ऐतिहासिक पलों का साक्षी बनेगा. इस दिन आध्यात्मिक गुरु ‘गुरुदेव श्री श्री रवि शंकर’ के सान्निध्य में महासत्संग होने वाला है. इस महासत्संग में गुरुदेव अपने अमृत वचनों से पूर्णियावासियों को आध्यात्मिक प्रेरणा देंगे और दिव्य आध्यात्मिक अनुभूति कराएंगे. आर्ट ऑफ लिविंग के आयोजकों ने बताया कि इस महासत्संग में न सिर्फ मधुर भजनों की सरिता बहेगी, बल्कि पूर्णियावासियों को अप्रतिम आध्यात्मिक अनुभव भी प्राप्त होगा. गुरुदेव श्री श्री रविशंकर यहां राज्य अतिथि के रूप में पहुंच रहे हैं. महासत्संग के बहाने आयोजित इस कार्यक्रम में गान, ज्ञान और ध्यान का यज्ञ होगा. आर्ट ऑफ लिविंग के स्टेट एपेक्स नीलम अग्रवाल और इस आयोजन के को-आर्डिनेटर डा. ए. के गुप्ता ने पूर्णियावासियों से इस आध्यात्मिक अनुष्ठान में भागीदारी की अपील करते हुए कहा कि वे यहां आएं और गुरुदेव श्री श्री रवि शंकर के साथ प्रेरणा और ऊर्जा का अनुभव करें. अपने अंतर मन पर ध्यान देकर अपने विचारों और संवेदनाओं को और बेहतर तरीके से संवारना सीखें. श्री अग्रवाल एवं डा. गुप्ता ने बताया कि गुरूदेव प्रेम, रिश्तों, सम्बन्धों, नेतृत्व, प्रबंध, मंत्रों और आध्यात्मिकता के बारे में ज्ञान देकर हमें जीवन की ऊंचाईयों पर भी पहुंचाएंगे. युवाओं में कुंठित होता विकास, तनाव से निपटने के लिए आवश्यक ज्ञान का अभाव और इन सबसे निकलने के लिए व्यावहारिक रास्ते भी बताएंगे. इस लिहाज से सबकी भागीदारी जरुरी है.

आध्यात्मिक प्रवचन व होगा ध्यान सत्र

श्री श्री रवि शंकर अपने प्रवचन में जीवन जीने की कला, तनाव प्रबंधन और सामाजिक उत्तरदायित्व जैसे महत्वपूर्ण विषयों पर चर्चा करेंगे. उनका ध्यान सत्र सभी प्रतिभागियों को मानसिक शांति और मानसिक स्वास्थ्य को बेहतर बनाने में मदद करेगा. यह महासत्संग आध्यात्मिक ज्ञान से रूबरू करायेगा. आर्ट ऑफ लिविंग के आयोजकों ने बताया कि गुरुदेव के सानिध्य में होने वाले इस महासत्संग में ज्ञान-ध्यान, अध्यात्म और सांस्कृतिक पहचान का कीर्तिमान स्थापित होगा. इस कार्यक्रम कीसभी तैयारियां पूरी कर ली गयीं हैं. मंच और पंडाल को भव्य स्वरुप दिया गया है और सबके अलग-अलग बैठने की व्यवस्था की गयी है. आयोजकों ने बताया कि देर शाम गान का कार्यक्रम चलेगा जबकि शनिवार की सुबह सात बजे से ध्यान व साधना की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी. गुरुदेव दोपहर तक पूर्णिया पहुंच जाएंगे और अपराह्न साढ़े पांच से सायं साढ़े सात बजे तक महासत्संग होगा.

आज शाम 5 बजे पूर्णिया पहुंचेंगे श्रीश्री रविशंकर

शहर के रंगभूमि मैदान में आयोजित होने वाले महासत्संग में शामिल होने के लिए गुरुदेव श्रीश्री रविशंकर शनिवार की शाम 5 बजे पूर्णिया पहुंचेंगे. उनका हेलिकॉप्टर वीवीआईटी स्थित हेलीपैड पर उतरेगा जहां वे वीवीआईटी निदेशक राजेश मिश्रा के यहां थोड़ी देर विश्राम करेंगे. इसके बाद गुरुदेव सीधा रंगभूमि मैदान स्थित कार्यक्रम स्थल पर पहुंचेंगे. कार्यक्रम की समाप्ति के बाद गुरुदेव रंगभूमि मैदान से पनोरमा प्रमुख संजीव मिश्रा के घर जाएंगे फिर गुरुदेव रात्रि भोजन के लिए मेयर विभा कुमारी के आवास पहुंचेंगे. रात्रि भोजन के बाद गुरुदेव का काफिला लाइन बाजार स्थित मां पंचादेवी हॉस्पिटल पहुंचेगा जहां गुरुदेव डॉ. अनिल कुमार गुप्ता के आवास पर रात्रि विश्राम करेंगे. रात्रि विश्राम के पश्चात गुरुदेव अगली सुबह यानी रविवार को सरसी रवाना होंगे जहां वे हनुमान मंदिर परिसर स्थित आर्ट ऑफ लिविंग के आश्रम में स्किल सेंटर का उद्घाटन करेंगे. इसके बाद वे भागलपुर के लिए रवाना हो जाएंगे. बता दें कि बौद्धगया के बाद सरसी में आर्ट ऑफ लिविंग का आश्रम बनने जा रहा है. इधर, गुरुदेव के कार्यक्रम को लेकर शनिवार की शाम पांच बजे से संस्था के स्वयंसेवकों का ओरिएंटेशन कार्यक्रम हुआ. इसमें स्वयंसेवकों को कार्यक्रम के रूपरेखा की जानकारी दी गई.

बिहार को ज्ञान के शिखर पर पहुंचाने का विजन लेकर आ रहे: प्रवीण

आर्ट ऑफ लिविंग के अंतरराष्ट्रीय गायक प्रवीण मेहता ने कहा है कि गुरुदेव श्री श्री पं. रविशंकर बिहार को ज्ञान के शिखर पर पहुंचाने का विजन लेकर आ रहे हैं. उन्होंने कहा कि बिहार ने पूरे विश्व को ज्ञान दिया है. बुद्ध और चाणक्य व महानशासकों की यह भूमि है. नालंदा और विक्रमशिला के अवशेष इस बात की गवाही दे रहे हैं कि ज्ञान और आध्यात्म के क्षेत्र में यह प्रदेश कभी शिखर पर था. आर्यभट्ट की यह भूमि ज्ञान और अध्यात्म के लिए हमेशा से उर्वरक रही है. परंतु बीते कालखंड में कुछ बदलाव जरूर हुए हैं. लेकिन अब बिहार को एक बार फिर से ज्ञान और आध्यात्म के शिखर पर ले जाने का समय आ गया है और इसके लिए नई ऊर्जा की जरूरत है. श्री मेहता यहां एक दिन पूर्व पहुंच चुके हैं और अपनी भजन गायकी से भक्ति का माहौल बना रहे हैं. उन्होंने कहा कि गुरुदेव बिहार को एक बार फिर ज्ञान और अध्यात्म के शिखर पर पहुंचाने का विजन लेकर उज्ज्वल बिहार यात्रा पर निकले हैं और इसी उद्देश्य को लेकर वे यहां आ रहे हैं. मीडिया से बात करते हुए इंटरनेशनल सिंगर प्रवीण मेहता ने बताया कि वे नब्बे के दशक में गुरुदेव श्रीश्री रविशकंर के सानिध्य में आए और हमेशा के लिए उनके हो गए.

अंतिम सांस ले रही शहर की ‘सौरा’ को मिल सकता है जीवनदान

अध्यात्म गुरु के आने और आर्ट ऑफ लिविंग की पहल पर अंतिम सांस ले रही शहर से गुजरने वाली एकमात्र सौरा नदी को फिर जीवन मिल सकता है. समझा जाता है कि कर्नाटक और महाराष्ट्र में करीब डेढ़ सौ नदियों का जीर्णोद्धार के बाद आर्ट ऑफ लिविंग सौरा नदी को भी गोद ले सकता है. इस इलाके की अन्य समस्याओं के साथ सौरा नदी के संरक्षण की बातें भी गुरुदेव जी तक पहुंचाने की कोशिश की गयी है. यहां के लोगों को भरोसा भी है कि सौरा नदी पर गुरुदेव श्री श्री की नजर-ए-इनायत हो सकती है. गौरतलब है कि सौर संस्कृति की संवाहक मानी जाने वाली सौरा नदी अब अकेली बची है जो पूर्णिया शहर को दो भागों में बांटती है. हालांकि यह नदी अभी सूखी नहीं है पर अस्तित्व के संकट से गुजर रही है. इस नदी को बचाए जाने के लिए अभियान चल रहा है पर बचाव की सार्थक पहल नहीं हो सकी है. पूर्णिया में गुरुदेव के महासत्संग के संयोजक डॉ. अनिल कुमार गुप्ता एवं आर्ट ऑफ लिविंग के स्टेट एप्रेस नीलम गुप्ता ने हाल ही की एक बैठक में खुलासा किया था कि गुरुदेव के समक्ष इस क्षेत्र की जिन समस्याओं को रखा गया है उसमें सौरा नदी का जीर्णोद्धार भी शामिल है. वैसे, शहर से काली कोशी भी कभी गुजरती थी पर आज उसका अस्तित्व नजर नहीं आता जबकि ग्रामीण इलाके में भी नदियों की हालत बहुत अच्छी नहीं है.

इसे भी पढ़ें: बिहार के इस जिले में बनेगी फूलों की मंडी, नीतीश सरकार ने जिले के लोगों को दिया तोहफा

संबंधित खबर
संबंधित खबर और खबरें
होम E-Paper News Snaps News reels
Exit mobile version