पटना जिले में मनेर व बिहटा और भोजपुर जिले के कुछ इलाकों में अवैध बालू खनन को लेकर लगातार माफियाओं के बीच में भिड़ंत होती है और मौतें होती हैं. इस पर नियंत्रण के लिए पटना पुलिस ने कवायद शुरू कर दी है. मनेर के सुअरमरवा घाट, बिहटा के पांडेयचक घाट पर अब तक दो पक्षों के बीच में अवैध खनन को लेकर कई बार फायरिंग हो चुकी है. अब मनेर से लेकर बिहटा तक के बालू घाटों पर माफियाओं पर नकेल कसने के लिए चार जगहों पर एसटीएफ की तैनाती होगी.
अत्याधुनिक हथियारों से लैस रहेंगे एसटीएफ के जवान
एसटीएफ के जवान अत्याधुनिक हथियारों से लैस रहेंगे और उनके पास आवागमन के लिए वाहन भी मौजूद रहेंगे. किसी प्रकार की घटना होने पर एसटीएफ लोकल पुलिस के साथ मिल कर एक्शन लेगी. एसटीएफ को स्थायी रूप से तैनाती को लेकर खनन विभाग काे पटना पुलिस ने भवन बनाने का आग्रह किया है.
दो साल में अवैध बालू खनन में 25 लोगों की हत्याएं
सूत्रों का कहना है कि करीब दो साल में अवैध बालू खनन में कम-से-कम 25 लोगों की हत्याएं हो चुकी हैं और दो दर्जन से अधिक लोग घायल हुए हैं. एसएसपी राजीव मिश्रा ने बताया कि एसटीएफ व पुलिस की तैनाती के लिए भवन बनाने के लिए खनन विभाग को कहा गया है. इन भवनों में 24 घंटे पुलिस बल की तैनाती रहेगी.
प्रतिदिन लाखों रुपये का अवैध बालू खनन
विदित हो कि मनेर से लेकर बिहटा तक अवैध बालू खनन होता है. महूई महाल दियारे के 2500 एकड़ में से अब केवल 350 बीघा जमीन बची है. एक जुलाई से हर साल बरसात के कारण बालू का खनन बंद हो जाता है. इस दौरान भी अवैध रूप से बालू खनन करने वाले सक्रिय रहते हैं. अवैध बालू के खनन से कई सफेदपोश भी जुड़े हैं, क्योंकि प्रतिदिन लाखों रुपये का अवैध बालू खनन होता है. एक नाव से तीन-चार ट्रक तक बालू मनेर से बिहटा तक के घाटों पर लाया जाता है और ट्रैक्टर व ट्रक के माध्यम से लोड करके बाजार में भेज दिया जाता है. हाल के दिनों में पुलिस ने पटना शहर में कई बालू लदे ट्रक व ट्रैक्टर को पकड़ा.
बालू माफियाओं का कहर , बालू लदे नाव से रंगदारी वसूला जा रहा
प्रशासन द्वारा अवैध बालू खनन रोकने की लाख कोशिशों के बावजूद गंगा नदी में कई जगहों पर अवैध बालू खनन जारी है. साथ ही बालू माफियाओं द्वारा पिस्तौल के बल पर दियारा के शंकरपुर घाट पर बालू लदे नाव से रंगदारी वसूला जा रहा है. नहीं देने पर नाविकों के साथ बदमाश हथियार के बल पर मारपीट कर रुपये भी छीन ले जाते हैं. पुलिस बदमाशों पर अंकुश लगाने में नाकाम साबित हो रही है.
यहां होती है बालू की बिक्री
बताया जाता है कि कोइलवर, बिहटा व मनेर से अवैध रूप से खनन कर गंगा नदी से छान कर लाल बालू को नाव पर लोड कर गंगा नदी के रास्ते पहलेजा, साेनपुर व राधोपुर समेत अन्य घाटों पर बालू लेकर जाकर बिक्री की जाती है.
माफियाओं द्वारा जबरन पिस्तौल के बल पर रंगदारी वसूली की जा रही
नाविकों ने बताया कि दियारा के शंकरपुर घाट पर तीन जगहों पर बालू माफियाओं द्वारा जबरन पिस्तौल के बल पर रंगदारी वसूली की जा रही है. रंगदारी नहीं देने पर बदमाश हथियार के बल पर मारपीट कर रुपये तक छीन लेने हैं. नाविकों ने बालू माफियाओं के भय से पुलिस में शिकायत करने से डरते हैं. जिसके कारण बालू माफियाओं गंगा नदी में बालू लदे नाव से जबरन रंगदारी वसूली की जा रही है. थानाध्यक्ष उत्तम कुमार ने बताया कि बालू लदे नाव से रंगदारी वसूली करने वालों पर सख्त कार्रवाई कीजायेगी और टीम गठित कर छापेमारी किया जायेगा.
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दानापुर पीपा की आड़ में घाट से अवैध खनन
बालू माफियाओं द्वारा सीढ़ी घाट से पीपा के आड़ में जेसीबी से उजला बालू का अवैध खनन किया जा रहा है. जबकि घाट पर से बालू खनन पर विभाग द्वारा रोक लगायी गयी है. बावजूद भी सीढ़ी घाट के पास जेसीबी से उजला बालू का अवैध खनन कर ट्रैक्टर पर लोड कर किया जा रहा है. जबकि गंगा का जलस्तर में धीरे-धीरे वृद्धि हो रहा है. इसके बाद भी नगर के सीढ़ी घाट पर से जेसीबी से बालू का खनन किया जा रहा है और दोगुने दामों पर बालू की बिक्री की जा रही है.
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