शराब का गुजरात मॉडल अपनाये बिहार सरकार, सुशील मोदी बोले- शराबबंदी कानून दलित-पिछड़ा विरोधी, अमीरों पर मेहरबान
सुशील मोदी ने कहा कि अब बिहार में गुजरात की तरह परमिट व्यवस्था लागू करनी चाहिए, ताकि बीमार लोगों को मेडिकल ग्राउंड पर और पर्यटकों के लिए सीमित मात्रा में शराब की आपूर्ति आसान हो सके
By Prabhat Khabar Digital Desk | June 4, 2023 12:38 AM
बिहार के पूर्व उप मुख्यमंत्री व राज्यसभा सांसद सुशील कुमार मोदी ने कहा कि हम हमेशा शराबबंदी के पक्ष में रहे हैं, लेकिन छह साल में कानून में बार-बार बदलाव करते हुए इसे दलित-आदिवासी-पिछड़ा विरोधी बना दिया गया. सुशील मोदी ने कहा कि गरीब आदमी की तो गाड़ी नहीं होती और अब अमीर की गाड़ी में शराब मिलने पर अब वह वाहन बीमा राशि का 50 के बजाय मात्र 10 फीसदी जुर्माना देकर छूट सकता है. कानून में यह बदलाव क्या अमीरों के पक्ष में नहीं है?
शराबबंदी कानून दलित-पिछड़ा विरोधी : सुशील मोदी
राज्यसभा सांसद ने कहा कि जब गरीब आदमी शराब पीते पकड़ा जाता है, तो जुर्माने की रकम नहीं देने के कारण जेल जाता है, जबकि अमीर लोग आराम से तीन हजार रुपये भर कर छूट जाते हैं. अमीर लोग शराब की होम डिलीवरी करा लेते हैं. सुशील मोदी ने कहा कि भाजपा के दबाव में सरकार ने जहरीली शराब से मरने वालों के आश्रितों को नियमानुसार चार लाख रुपये देने का फैसला तो किया, लेकिन नियमावली ऐसी बनायी कि अनुग्रह राशि मिलना कठिन हो गया.
जहरीली शराब पीने से 500 से ज्यादा लोग मर चुके हैं : सुशील मोदी
सुशील मोदी ने कहा कि राज्य में जहरीली शराब पीने से 500 से ज्यादा लोग मर चुके हैं. सरकार बताये कि अभी तक कितने लोगों को चार लाख रुपये का मुआवजा मिल चुका है? सरकार बताये कि जहरीली शराब के 50 से ज्यादा मामले में अभी तक एक व्यक्ति को भी सजा क्यों नहीं मिल पायी?
सुशील मोदी ने कहा कि अब बिहार में गुजरात की तरह परमिट व्यवस्था लागू करनी चाहिए, ताकि बीमार लोगों को मेडिकल ग्राउंड पर और पर्यटकों के लिए सीमित मात्रा में शराब की आपूर्ति आसान हो सके. उन्होंने कहा कि शराब की परमिट व्यवस्था लागू करने से राजस्व तो बढ़ेगा, तस्करी पर भी अंकुश लगेगा और पर्यटन उद्योग में रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे .