Bihar politics विधानसभा उपचुनाव: तेजस्वी यादव ने मामा-मामी पर कसा तंज, साधु यादव को बताया BJP का बी टीम

Bihar politics गोपालगंज में डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव की मामी और पूर्व सांसद अनिरुद्ध प्रसाद उर्फ साधु यादव पत्नी इंदिरा यादव बसपा से चुनाव लड़ रही हैं. पिछली बार यानी 2020 में बसपा से साधु यादव चुनाव लड़े थे और उन्होंने भाजपा को कड़ी टक्कर देते हुए दूसरा स्थान पाया था.

By RajeshKumar Ojha | October 30, 2022 7:27 AM
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गोपालगंज विधानसभा उपचुनाव में अब कुछ ही दिन बचे हैं. यही कारण है कि चुनाव प्रचार के लिए स्टार प्रचारक मैदान में कूद पड़े हैं. आरजेडी के चुनाव प्रचार की कमान अब स्वंय डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव (bihar politics tejashwi yadav) ने संभाल लिया है. तेजस्वी को गोपालगंज में बीजेपी से ज्यादा अपने मामा साधु यादव (sadhu yadav) से परेशानी है. यही कारण है कि शुक्रवार को चुनाव प्रचार के दौरान तेजस्वी यादव ने बीजेपी से ज्यादा अपने मामा साधु यादव और उनकी पत्नी इंदिरा यादव पर बिना नाम लिए तंज कसा. दरअसल उन्हें पता है कि उनकी मामी चुनाव के जीत और हार में एक महत्वपूर्ण कड़ी हैं. चुनाव मैदान में रहने से आरजेडी को नुकसान और बीजेपी को लाभ होगा.

यही कारण है कि उन्होंने अपनी मामी को बीजेपी की बी टीम का प्रत्याशी बताया. वे यहां ही नहीं रुके उन्होंने अपने वोटरों से यहां तक कह डाला कि ऐसे लोगों से ज्यादा सतर्क रहने की जरुरत है. क्योंकि भाजपा की बी-टीम चुनाव जीतने के लिए नहीं लेकिन आरजेडी का वोट काटने के लिए चुनाव लड़ रही है. ताकि बीजेपी यहां से चुनाव जीत जाए. बताते चलें कि गोपालगंज में डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव की मामी और पूर्व सांसद अनिरुद्ध प्रसाद उर्फ साधु यादव पत्नी इंदिरा यादव बसपा से चुनाव लड़ रही हैं. पिछली बार यानी 2020 में बसपा से साधु यादव चुनाव लड़े थे और उन्होंने भाजपा को कड़ी टक्कर देते हुए दूसरा स्थान पाया था. तब महागठबंधन के प्रत्याशी रहे आसिफ गफूर को महज 36000 वोट मिले थे और वो तीसरे नंबर के प्रत्याशी थे.

राजनीतिक पंडित का कहना है कि तेजस्वी यादव को डर है कि उनकी मामी इंदिरा यादव वोट काटकर कहीं भाजपा को फायदा ना पहुंचा दें. तेजस्वी यादव के मामा साधु यादव गोपालगंज में सांसद और विधायक रह चुके हैं. उनका जिले के यादव समुदाय में खास पकड़ है. वहीं, तेजस्वी यादव की मामी और बसपा प्रत्याशी इंदिरा यादव भांजे को आशीर्वाद देने की बजाय जीजा लालू प्रसाद यादव और दीदी राबड़ी देवी से ही आशीर्वाद लेने की बात कह रही हैं.

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