बिहार की विरासत को मिलेगा नया जीवन, राज्य के इन तीन धरोहरों का होगा आधुनिक कायाकल्प!

Bihar News: बिहार की ऐतिहासिक और धार्मिक धरोहरों को संवारने की दिशा में बड़ी पहल की गई है. विक्रमशिला प्राचीन विश्वविद्यालय, हरिहर क्षेत्र (सोनपुर) और महिषी (सहरसा) को आधुनिक पर्यटन केंद्र के रूप में विकसित किया जाएगा.

By Abhinandan Pandey | February 28, 2025 12:30 PM
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Bihar News: बिहार की ऐतिहासिक और धार्मिक धरोहरों के संरक्षण और विकास को लेकर सरकार ने बड़ी पहल की है. विक्रमशिला प्राचीन विश्वविद्यालय, हरिहर क्षेत्र (सोनपुर) और महिषी (सहरसा) को भव्य रूप देने की तैयारी शुरू हो गई है. राज्य सरकार ने इसके लिए “चैलेंज बेस्ड डेस्टिनेशन योजना” के तहत केंद्र सरकार को प्रस्ताव भेजा है, जिसमें कुल 60.84 करोड़ रुपये की योजना शामिल है.

हरिहर क्षेत्र: काशी कॉरिडोर की तर्ज पर होगा विकास

हरिहर क्षेत्र, जिसे सोनपुर मेला के लिए जाना जाता है. अब पूरे साल पर्यटकों को आकर्षित करेगा. बाबा हरिहरनाथ धाम को काशी विश्वनाथ कॉरिडोर की तर्ज पर विकसित करने की योजना है. इस परियोजना के लिए काशी कॉरिडोर के मुख्य परामर्शी एचसीपी डिजाइन प्लानिंग एंड मैनेजमेंट प्राइवेट लिमिटेड, अहमदाबाद को जिम्मेदारी सौंपी गई है.

प्रमुख विकास कार्य

  • सोनपुर हाट के लिए 24.41 करोड़ रुपये का प्रस्ताव
  • सोनपुर मेला ऐप विकसित किया जाएगा
  • बाबा हरिहरनाथ के वर्चुअल दर्शन की सुविधा मिलेगी
  • ग्रीन टूरिज्म को बढ़ावा, क्षेत्र को प्लास्टिक मुक्त बनाया जाएगा
  • हाट से घाट तक सड़क निर्माण, पार्किंग और जनसुविधाओं का विस्तार
  • स्थानीय टूर गाइड, होटल संचालकों और फूड वेंडर्स को विशेष प्रशिक्षण

प्राचीन ज्ञान की विरासत को मिलेगा नया जीवन

भागलपुर स्थित विक्रमशिला प्राचीन विश्वविद्यालय, जो दुनिया के सबसे प्रतिष्ठित शिक्षण केंद्रों में से एक था, अब नए स्वरूप में पर्यटकों को आकर्षित करेगा. सरकार ने इसके विकास के लिए 22.40 करोड़ रुपये का प्रस्ताव भेजा है.

प्रमुख विकास कार्य

  • प्रदर्शनी गैलरी बनाई जाएगी, जिसमें विश्वविद्यालय की ऐतिहासिक विरासत को दर्शाया जाएगा
  • रिसोर्स सेंटर और विज़िटर सेंटर का निर्माण
  • परिसर में पौधरोपण और पर्यावरण अनुकूल सुविधाओं का विस्तार
  • डिजिटल प्लेटफॉर्म पर प्रचार-प्रसार, जिससे लोग ऑनलाइन भी जानकारी प्राप्त कर सकें
  • स्थानीय गाइड और टूर ऑपरेटरों के लिए कौशल विकास प्रशिक्षण

महिषी: शास्त्रार्थ की ऐतिहासिक धरती का होगा कायाकल्प

सहरसा स्थित मंडन मिश्र धाम महिषी को भी पर्यटन हब के रूप में विकसित करने की योजना बनाई गई है. इस स्थल को 14.23 करोड़ रुपये की लागत से विकसित किया जाएगा.

प्रमुख विकास कार्य

  • प्रवेश द्वार, पार्किंग और घाटों का निर्माण
  • मुख्य भवन का जीर्णोद्धार
  • नैनो बबल टेक्नोलॉजी से तालाब का सौंदर्यीकरण
  • मंडन मिश्र और आदि शंकराचार्य के शास्त्रार्थ की ऐतिहासिक कहानी को संरक्षित करने के लिए विशेष केंद्र

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बिहार बनेगा ऐतिहासिक पर्यटन का केंद्र

इस योजना से बिहार की धार्मिक और शैक्षणिक विरासत को नया जीवन मिलेगा. पर्यटन के बढ़ने से स्थानीय रोजगार में वृद्धि होगी और बिहार वैश्विक नक्शे पर एक महत्वपूर्ण पर्यटन स्थल के रूप में उभरेगा. सरकार का मानना है कि इन ऐतिहासिक स्थलों के आधुनिक और भव्य रूप लेने से देश-विदेश के पर्यटकों की संख्या में जबरदस्त इजाफा होगा.

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