Gaya: बालू के ढेर के दबाव से दीवार गिरा, बच्ची की मौत, मां की हालत गंभीर

Gaya: चांदाचौरा रोड में बन रही एक बिल्डिंग की बाउंड्री बालू के दबाव में मंगलवार को करीब चार बजे गिर गयी. इसमें एक बच्ची की दब कर मौत हो गयी

By Prashant Tiwari | February 25, 2025 7:56 PM
an image

Gaya: चांदाचौरा रोड में बन रही एक बिल्डिंग की बाउंड्री बालू के दबाव में मंगलवार को करीब चार बजे गिर गयी. इसमें एक बच्ची की दब कर मौत हो गयी और एक महिला गंभीर रूप से घायल हो गयी. मृतका की पहचान माड़नपुर मंगलागौरी की रहनेवाली प्रवेश दास की साढ़े छह वर्षीय बेटी अनुष्का कुमारी के रूप में की गयी है. घायल महिला बच्ची की मां 45 वर्षीय सोनामति देवी है. महिला का इलाज एएनएमएमसीएच के आइसीयू में चल रहा है. डॉक्टरों ने बताया कि महिला की हालत बहुत ही गंभीर है. इलाज में डॉक्टरों की टीम लगी हुई है. स्थानीय लोगों ने बताया कि बिल्डिंग मटेरियल रोड से लेकर अंदर तक रखा हुआ रहता है. इस रोड से आने-जाने वालों को काफी परेशानी होती है. ऐसी हालत शहर के विभिन्न रोड में है. नगर निगम की ओर से कार्रवाई नहीं किये जाने के चलते ही बेखौफ होकर रोड किनारे बिल्डिंग मटेरियल रखे जाते हैं. विष्णुपद थानाध्यक्ष धर्मेंद्र यादव ने बताया कि घटना की जानकारी मिलते ही मदद के लिए पहुंच गये. यहां से बच्ची के शव को पोस्टमार्टम के लिए एएनएमएमसीएच भेजा गया है. महिला को पुलिस टीम भेज कर एएनएमएमसीएच में भर्ती कराया गया है. मामले की छानबीन की जा रही है.

बाजार जाने के क्रम में मां-बेटी हुई हादसे की शिकार

बच्ची के पिता प्रवेश दास ने बताया कि मां-बेटी दोनों घर का समान खरीदने बाजार जा रही थीं. चांदचौरा मोड़ से पहले हादसे में बच्ची की जान चली गयी. पत्नी की हालत गंभीर बनी हुई है. उन्होंने बताया कि राज-मिस्त्री का काम कर बच्ची को प्राइवेट स्कूल में पढ़ा रहा था.अब दुनिया से ही चली गयी.

प्रभात खबर ने चार दिन पहले चेताया था, नहीं सजग हुआ निगम

प्रभात खबर के 23 फरवरी के अंक में रोड पर बिल्डिंग मटेरियल के चलते दुर्घटना से संबंधित खबर प्रमुखता से प्रकाशित की थी. ”फाइन की चेतावनी के बाद भी नहीं बदल रही मुहल्लों की स्थित” शीर्षक से खबर छापी थी. निगम के अधिकारी ने कार्रवाई का आश्वासन दिया. लेकिन, कार्रवाई के नाम पर कुछ नहीं किया गया. हर मुहल्ले में इसी तरह बिल्डिंग मटेरियल को रोड किनारे या फिर नियम के विरुद्ध रखा जा रहा है. निगम के अधिकारी इस पर किसी तरह की कार्रवाई करना उचित नहीं समझते. सिर्फ आश्वासन देकर जिम्मेदारी से मुक्त हो जाते हैं. अब एक की मौत हो गयी है.

इसे भी पढ़ें: कैबिनेट की बैठक में सीएम नीतीश ने खोला खजाना, 50 हजार करोड़ की 146 परियोजनाओं को दी मंजूरी

संबंधित खबर
संबंधित खबर और खबरें
होम E-Paper News Snaps News reels
Exit mobile version