आखिर क्या होती है Z+ सिक्योरिटी, जिसे पप्पू यादव को दिलाने के लिए समर्थक ने कर डाला इतना बड़ा कांड

Bihar: सुरक्षा की ब्लू बुक के मुताबिक हर एक वीवीआईपी को जेड प्लस कैटेगरी की सुरक्षा दी जाती है. इनके चारों तरफ कड़ा सुरक्षा का पहरा होता है. इनकी सुरक्षा में 58 कमांडो तैनात होते हैं.

By Prashant Tiwari | December 3, 2024 7:25 PM
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 बिहार के पूर्णिया से निर्दलीय सांसद पप्पू यादव को पिछले कई दिनों से जान से मारने की धमकी मिल रही थी. सांसद को लगातार धमकी मिलने के कारण बिहार पुलिस हाई अलर्ट पर थी और आज इस केस में बड़ा खुलासा हुआ है. दरअसल, पप्पू यादव को धमकी देने वाला कोई और नहीं बल्कि उनकी पुरानी पार्टी जन अधिकार पार्टी का ही सदस्य निकला. पुलिस पूछताछ में आरोपी राम बाबू राय ने खुलासा किया कि सांसद की सुरक्षा बढ़ाने के लिए उसके समर्थकों ने यह पूरी साजिश रची थी. यह जानकारी पूर्णिया एसपी कार्तिकेश शर्मा ने मंगलवार को दी. बता दें कि पप्पू यादव अपने लिए लगातार  Z+ सिक्योरिटी की मांग कर रहे हैं. ऐसे में आइए जानते हैं कि आखिर क्या होती है Z+ सिक्योरिटी और ये ये सुरक्षा कवच  किसे मिलता है. 

पहले जानिए क्या होती है  Z+ सिक्योरिटी?

सुरक्षा की ब्लू बुक के मुताबिक हर एक वीवीआईपी को जेड प्लस कैटेगरी की सुरक्षा दी जाती है. इनके चारों तरफ कड़ा सुरक्षा का पहरा होता है. इनकी सुरक्षा में 58 कमांडो तैनात होते हैं. ब्लू बुक की मानें तो Z प्लस  कैटेगरी की सुरक्षा में 10 आर्म्ड स्टैटिक गॉर्ड, 6 PSO एक समय में राउंड द क्लॉक, 24 जवान 2 एस्कॉर्ट में राउंड द क्लॉक, 5 वॉचर्स दो शिफ्ट में रहते हैं. एक इंस्पेक्टर या सब इंस्पेक्टर इंचार्ज के तौर पर तैनात रहता है. वीवीआईपी के घर मे आने जाने वाले लोगों के लिए 6 फ्रिस्किंग और स्क्रीनिंग करने वाले तैनात रहते हैं और इसके साथ ही राउंड द क्लॉक ट्रेंड 6 ड्राइवर होते हैं. सुरक्षा में तैनात ये जवान मार्शल आर्ट और कॉम्बैट स्किल में माहिर होते हैं. इनके पास MP5 हथियार और आधुनिक बुलेट प्रूफ जैकेट के साथ आधुनिक गैजेट भी होते हैं. जेड प्लस सिक्योरिटी में, सुरक्षा पाने वाले व्यक्ति के साथ एनएसजी कमांडो भी होते हैं. इनकी जिम्मेदारी, सुरक्षा पाने वाले व्यक्ति को एक जगह से दूसरी जगह ले जाना होता है. 

कैसे मिलती है ये सुरक्षा?

 गृह मंत्रालय ने लोकसभा में बताया है कि ये सुरक्षा केंद्रीय एजेंसियों की ओर से खतरे के आकलन के बाद इंटेलिजेंस ब्यूरो (आईबी) की रिपोर्ट के आधार पर दी जाती है. इस सुरक्षा में गृह मंत्रालय के आदेश पर नेशनल सेक्यूरिटी गार्ड (एनएसजी), केंद्रीय रिजर्व पुलिस फोर्स (सीआरपीएफ), केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआईएसएफ) और भारत तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी) के जवान अलग-अलग वीआईपी को सुरक्षा की “ब्लू बुक” के आधार पर कड़ी सुरक्षा प्रदान कर रहे हैं.

देश में कितने लोगों के पास है  Z+ सिक्योरिटी

पिछले सत्र के दौरान लोकसभा में यह सवाल पूछा गया था कि देश में इस समय कितने लोगों को जेड प्लस सुरक्षा उपलब्ध कराई जा रही है? गृह मंत्रालय ने लोकसभा में इस सवाल का जवाब देते हुए बताया कि इस समय पूरे देश में करीब 40 लोगों को जेड प्लस सुरक्षा दी जा रही है. इनमें देश के गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, विपक्ष के नेता राहुल गांधी, सोनिया गांधी. प्रियंका गांधी, रिलायंस इंडस्ट्रीज के मालिक मुकेश अंबानी जैसे दिग्गजों का नाम शामिल है.

Z+ के अलावा और कितने तरह की होती है सिक्योरिटी

गृह मंत्रालय के मुताबिक सुरक्षा के ब्लू बुक के आधार पर जेड प्लस कैटेगरी की सिक्योरिटी के अलावा कई अन्य तरीके की सुरक्षा भी वीआईपी को दी जाती हैं. इसमें जेड कैटेगरी के अलावा वाई प्लस कैटेगरी, वाई कैटेगरी और एक्स कैटेगरी शामिल है. जेड श्रेणी की सुरक्षा में कुल 33 सुरक्षा गार्ड तैनात होते हैं. आर्म्ड फोर्स के 10 आर्म्ड स्टैटिक गार्ड वीआईपी के घर पर रहते हैं. 6 राउंड द क्लॉक पीएसओ, 12 तीन शिफ्ट में आर्म्ड स्कॉर्ट के कमांडो, 2 वॉचर्स शिफ्ट में और 3 ट्रेंड ड्राइवर राउंड द क्लॉक मौजूद रहते हैं.

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