बिहार के तीन सबसे अमीर और गरीब जिले कौन से हैं? धुरंधर नहीं जानते इसका जवाब
बिहार: बिहार आर्थिक सर्वेक्षण की रिपोर्ट में राज्य सरकार ने प्रदेश के सबसे अमीर और गरीब जिलों के नाम का खुलासा किया है.
By Prashant Tiwari | March 2, 2025 5:08 PM
बिहार: अगर आप देश के सबसे गरीब जिलों की सूची निकालेंगे तो उसमें बिहार के जिलों का भी नाम आता है. यह कुछ हद तक सही भी है. लेकिन पूरी तरह से सच नहीं है. इस बात का खुलासा बिहार आर्थिक सर्वेक्षण की रिपोर्ट आने के बाद हुआ है. राज्य के वित्त मंत्री ने रिपोर्ट पेश करते हुए बिहार के सबसे अमीर जिलों और गरीब जिलों के बारे में बताया है. ऐसे में हम आपको बताएंगे कि बिहार के तीन सबसे अमीर जिले कौन-कौन से हैं…
ये हैं बिहार के तीन सबसे अमीर जिले
बिहार आर्थिक सर्वेक्षण की रिपोर्ट के मुताबिक राजधानी पटना बिहार का सबसे अमीर जिला है. इसके बाद अमीरी में बेगूसराय और मुंगेर जिला क्रमश: दूसरे और तीसरे स्थान पर हैं. पटना की प्रति व्यक्ति आय 121396 रुपये हैं. बेगूसराय और मुंगेर की क्रमश: 49064 और 46795 रुपये है.
ये हैं बिहार के तीन सबसे गरीब जिले
जहां अमीरी है वहां गरीबी भी होती है. बिहार में भी ऐसा ही है. अगर हम बिहार के तीन सबसे गरीब जिलों की बात करे तो इनमें शिवहर, सीतामढ़ी और अररिया का है. बिहार में सबसे कम प्रति व्यक्ति आय शिवहर के लोगों की है. उनकी सालाना कमाई महज 19561 रुपये है. सीतामढ़ी की प्रति व्यक्ति आय 21931 रुपये है तो अररिया की 22204 रुपये है.
बता दें कि राज्य के भीतर आर्थिक विकास में क्षेत्रीय विषमता का आकलन सकल जिला घरेलू उत्पाद व निवल जिला घरेलू उत्पाद के आधार पर होता है। इस आंकड़े में आगे रहने वाले जिले संपन्न माने जाते हैं और पिछड़ जाने वाले विपन्न. संपन्नता का यह पैमाना पेट्रोल-डीजल-एलपीजी की खपत और लघु बचत से निर्धारित होता है.
पेट्रोल-डीजल की खपत में ये जिले सबसे आगे
बिहार आर्थिक सर्वेक्षण की रिपोर्ट के मुताबिक बिहार के पटना, मुजफ्फरपुर, पूर्णिया जिले में सबसे अधिक पेट्रोल की खपत होती है. वहीं. डीजल के मामले में पटना, शेखपुरा, औरंगाबाद आगे है. सबसे कम पेट्रोल इस्तेमा करने वाले जिलों में लखीसराय, बांका, जहानाबाद का नाम शामिल है. उसी तरह सबसे कम डीजल की खपत शिवहर, सिवान, गोपालगंज में है.
एक दशक में 3.5 गुना बढ़ी बिहार की अर्थव्यवस्था
कई तरह के उतार-चढ़ाव को झेलते हुए भी बिहार की विकास दर लगातार दोहरे अंक में बनी हुई है. आर्थिक सर्वेक्षण की रिपोर्ट ऐसा बता रही. बजट सत्र के पहले दिन शुक्रवार को विधान मंडल में उप मुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने यह रिपोर्ट प्रस्तुत की. उसके उपरांत प्रेस-वार्ता में उन्होंने बताया कि राज्य की अर्थव्यवस्था 2011-12 के 2.47 लाख करोड़ से साढ़े तीन गुना बढ़कर 2023-24 में 8.54 लाख करोड़ हो गई है. राष्ट्रीय वृद्धि दर की तुलना में बिहार के विकास की दर अधिक रही है.